बात सिर्फ़ हासिल करनें की होती अगर तो क्या बात होती...
मगर हिसाब कुछ अलग तरीके से रहा है तमाम उम्र मेरा...!!
मगर हिसाब कुछ अलग तरीके से रहा है तमाम उम्र मेरा...!!
मुझसे हुई होंगी गलतियाँ बेशक़...
पर मैं आदी हूँ इश्क़ तुमसे करनें का...!!
पर मैं आदी हूँ इश्क़ तुमसे करनें का...!!
सुनो ध्यान से अगली दफ़ा मिलते ही
बता देना कि नाराज़ हो हमसे...
बड़ी प्यारी लगती हो गुस्से में
तो ज़रा ध्यान से देखेंगे तुमको...!!
बता देना कि नाराज़ हो हमसे...
बड़ी प्यारी लगती हो गुस्से में
तो ज़रा ध्यान से देखेंगे तुमको...!!
मुझे आदत लग गई है कि उधर से आ रही हवाएँ चूमूँ...
इसी आदत नें मुझे साबित कर दिया है पागल पूरा...!!
इसी आदत नें मुझे साबित कर दिया है पागल पूरा...!!
उनके लिए जिनके लिए तमाम इश्क़ लिखा करते हैं हम...
आप भी अपनें उनको भेजें ज़रूर...🥰😄
आप भी अपनें उनको भेजें ज़रूर...🥰😄
बैठा कर देखते हमें भी अपनें पास एक दफ़ा...
हम इतनें बुरे नहीं हैं यक़ीनन उन्हें समझ आएगा...!!
हम इतनें बुरे नहीं हैं यक़ीनन उन्हें समझ आएगा...!!
कुछ तड़प कुछ समझ कुछ इबादत की बात है...
इश्क़ बड़ी चीज है कहाँ बच्चों के बस की बात है...!!
इश्क़ बड़ी चीज है कहाँ बच्चों के बस की बात है...!!
हक़ जमाना कहाँ आता है हमको उनपर...
हम तो लगता है रह जाएंगे बेकार यूँ ही...!!
हम तो लगता है रह जाएंगे बेकार यूँ ही...!!
ये शाम है कि ढलती नहीं ये रात बीतती नहीं...
दिन भी अब अजीब है ज़िन्दगी का वो दौर है...!!
दिन भी अब अजीब है ज़िन्दगी का वो दौर है...!!
उनकी आँखों की बात समझता था मैं भी...
मगर यक़ीनन वो अदाकार सबसे उम्दा थी...!!
मगर यक़ीनन वो अदाकार सबसे उम्दा थी...!!
मशवरा माँगते हैं मेरे यार आज़कल मुझसे...
देख तेरी मोहब्बत नें मुझे समझदार कर दिया...!!
देख तेरी मोहब्बत नें मुझे समझदार कर दिया...!!
मेरे बहते जाएँ अश्क तो कोई नहीं पूछेगा कुछ...
ज़रा सा मुस्कुराते ही लोग वज़ह पूछनें लगते हैं...!!
ज़रा सा मुस्कुराते ही लोग वज़ह पूछनें लगते हैं...!!
तुम न सोचो कि तुम्हारी क़िस्मत अच्छी है कि तुम्हें हम मिले...
अंदाज़ा इस बात का लगाओ की हमारी क़िस्मत भी क्या ख़ूब है...!!
अंदाज़ा इस बात का लगाओ की हमारी क़िस्मत भी क्या ख़ूब है...!!
मेरी कहानी का सबसे उम्दा क़िरदार है वो...
फ़र्क़ नहीं पड़ता कौन क्या सोचे अंत में...!!
फ़र्क़ नहीं पड़ता कौन क्या सोचे अंत में...!!
अनगिनत बातें कहनी थी...
अधूरी खहिशें पूरी करनी थी...
कुछ साथ में वक़्त बिताना था...
कुछ अपनें हाथ खिलाना था...!!
अधूरी खहिशें पूरी करनी थी...
कुछ साथ में वक़्त बिताना था...
कुछ अपनें हाथ खिलाना था...!!
मैं वो खुशनसीब हूं जो ...
तुमसे मिलकर खुद को जानी हूं ।।
तुमसे मिलकर खुद को जानी हूं ।।