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कुछ शरारतें तो हम भी कर लेते मगर...

वो शरारत करते अच्छी बहुत लगती है...!!
नाराज़ ना हो जाना मेरी किसी बात से तुम...

मैं नादान हूँ कुछ गलतियाँ हो जाती हैं मुझसे...!!
तमाम राज़ बताए थे हमनें तुमको भरोसे पर...

तुमनें मगर उन राज़ों को राज़ रहनें न दिया...!!
बग़ावत कैसे कर लें अपनीं चाहतों से हम...

तुम्हारी तलब नहीं है बस चाहना है बेहिसाब...!!
उम्र घट रही है हर रोज़ रफ़्तार से...

हम हैं कि अभी आशिक़ी में फंसे हैं...!!
तुम्हारी नज़रों की आदत हैं मुझसे खेलनें की...

मैं नादान हूँ हर बार पिघल जाता हूं देखकर...!!
जल जाएगा सूरज की आग से वो तिनका...

जिसका ख़ाब था उसे मुट्ठी में कर लेनें का...!!
बुरी बात ये है कि इश्क़ हो गया है ज़ोर से...

अच्छी बात ये है कि वो बहुत प्यारे हैं...!!
एक तुम्हारी आदत दूसरी तुम्हारी बातें...

अब तुमसे इश्क़ ना करें तो क्या करें...!!
मज़ाक ही में ज़िस्म की बातें हो जाती हैं...

ये भी क्या खूब मज़ाक होते हैं आज़कल...!!
एक तरफ़ से दौड़ कर जा रहे हैं लोग मौत को छू लेनें...

ये कैसी दौड़ है जो हर दफ़ा ख़त्म वहीं होती है...!!
तुम ख़ाब होते तो हम ही तोड़ देते...

हक़ीक़त हो तोड़नें से क़ानून टूटेगा...!!
किताबों की हसरत रही है मुझे एक अरसे से...

नाराज़गी का सवाल है ही नहीं इस रिश्ते में...!!
तुम नाराज़ भी हुआ करो तो बता दिया करो...

कम से कम कुछ तो करेंगे ही मनानें के लिए...!!
कुछ आरज़ू हमारी भी हद पार कर चुकी थी...

कुछ वफ़ा की शर्त थी जो उनसे निभी नहीं...!!
अचानक सुना हमनें सन्नाटे का शोर बहुत ज़ोर...

ध्यान से देखा जाकर तो सामनें लाशें थीं चीखती...!!
तुम ज़रा नींद में डूबो तो सही यार...

हम आते हैं सपनें की हकीकत बनकर...!!
शिकन तक न आएगी तेरे चेहरे पर ये वादा है...

अपना कर तो देख मुझे ज़िन्दगी से इश्क़ हो जाएगा...!!
कयामत तक का तो पता नहीं लेकिन ये ज़रूर है...

कोई अपना साथ हो तो मौत तक का सफर होगा...!!
2024/11/16 14:00:21
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