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एक तेरा किरदार बहुत मज़बूत निकला...

वरना कमज़ोर तो हम भी कभी थे नहीं...!!
मैं शायद तुम्हारा कुछ नहीं लगता लेकिन सुनों...

मैनें तुम्हारे लिए परेशान रहना सीख लिया है...!!
मर्द नहीं बोलता तो ऐसा नहीं कि देखता नहीं कुछ...

शायद वो उस रिश्ते की बुनियाद बचानें में लगा हो...!!
तुम ख़ैरियत से हो ये जानना ज़रूरी होता है...

वरना यूँ न फ़ोन करके कई बार हाल चाल करते...!!
उसनें खेला है बहुत उम्दा तरीके से मेरे साथ...

मज़ा रहा कि इसकी ख़बर थी मुझे शुरुआत से...!!
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मैं बच तो गया होता ही तैरना आता था मुझे...

मगर वो खुश नहीं था डूब जाना ही ठीक लगा...!!
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वो मेरे ही साथ जंचती है हर तस्वीर में...

तस्वीरों में हम कितनें क़रीब लगते हैं...!!
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बोल दीजिए वक्त है अभी भी आपके पास...

कुसूरवार मान लिया जाएगा अगर अब चुप रहे...!!
2024/11/16 13:30:21
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