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थक गए हैं वो अगर इश्क़ से...

फरमान जारी किया जाए की नाक़ाबिल हैं वो...!!
मेरी हर कॉपी के पिछले पन्नें में तुम दिखती हो...

दुबारा मत माँगना सुबूत मेरे मज़हब का...!!
हमें भरम था कि वो जानते थे हमें अच्छे से...

इस क़त्ल का इल्ज़ाम भी हमारे ही सर है अब...!!
पूरा सच कहते हैं कि तुम्हारी याद आती है हमें अब भी...

क्योंकि दिमाग़ वाला इश्क़ था नहीं और दिल हिसाब समझता नहीं...!!
करते हैं दर-ओ-दीवार भी इंतज़ार मेहमानों का...

शुक्र है हमारे गाँव में शहर जैसा माहौल नहीं है...!!
हम तो मानते है कि इश्क़ है तो मुक़म्मल ही है...

मिलना न मिलना तो निर्भर है कई चीज़ों पर...!!
तुम्हें क्या बताएँ की कितना दुलारा है तुम्हारी तस्वीरों को...

बताना नहीं चाहते क्योंकि शर्म भी तो आएगी बतानें में...!!
ये पास न आएं ज़रा समझा दो इनको...

तुम्हारे बाल गालों के पास क्यों रहते हैं...!!
शर्मिंदगी न हो जब उन्हें पता चले कि हमारा काम कैसा था...

हमारी नस्लें नज़र उठा के हमें अपना सकें ऐसा वक़्त जीना है...!!
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आप सभी को भरतीय गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
हमारा ये परिवार सामूहिक रूप से अपनें देश की उन्नति, भाईचारे और अपनत्व को बढ़ावा देनें के लिए प्रर्थना करता है।

आप सभी अपनीं आज़ादी और गणतांत्रिक होनें पर गौरव करें और इसका सम्मान करें, साथ ही देश की एकता में अपना योगदान हमेशा की तरह देते रहें।

जय हिंद
जय भारत

(एक दिन बाद पोस्ट के लिए क्षमा की अपेक्षा के साथ)

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ठहर जाएँ ये मुसाफ़िर तो आगे बढ़ने को कहिएगा...

ये बाल क्यों गालों से चिपटकर हमें जलाते हैं हमेशा...!!
सारी बातों से इतनीं सी बात निकली की सब सही था उनकी ओर से...

सारी बातों में बात ये हुई थी कि उन्होंने जो कहा हमनें सब सही माना...!!
मेरी गली में आता है हर रोज़ एक बूढ़ा ठेले वाला...

टॉफियाँ बेचकर बच्चों की दुवाएँ खरीद लेता है...!!
मत खाना क़सम दुबारा अब कभी परेशान होकर...

वादा है तुम्हारी घबराहट पर सवाल नहीं पूछेंगे...!!
उन्हें आता नहीं अदब करना हमें बेअदबी नहीं आती...

वो ख़ुद को अच्छा कहते हैं हमें बुराई करनीं नहीं आती...!!
मासूमियत की हद है कि उसका सुलूक उम्दा है...

यही समझनें के चक्कर में गहरा इश्क़ हो गया...!!
वज़न ज़्यादा था तो ग़रीब डूब गया होगा...

यही सोचकर हर अमीर आदमी चुप रह गया...!!
समझना तो उनका ड्रामा है मगर समझ नहीं आता...

वो हमसे कहते हैं प्यार करो और फिर मनाओ हमको...!!
तबाह होनें की शर्त ये रही शुरुआत से...

तुम्हारा हाथ होना चाहिए इस बड़े काम में...!!
समझते वो भी हैं हमारा तुम्हारा हाल सब...

मगर याद सिर्फ़ काम के वक़्त आते हैं उन्हें हम...!!
2024/09/28 12:15:39
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