वो दिन गए कि जब मोहब्बत थी दोनो के लिए जान की बाज़ी
अब कोई एकतरफा चाहने वाला ही
होता है इसके लिए राजी
अब कोई एकतरफा चाहने वाला ही
होता है इसके लिए राजी
मैंने कहा रंगों से इश्क है मुझे ..
फिर जमाने ने हर रंग दिखाए मुझे..!!
फिर जमाने ने हर रंग दिखाए मुझे..!!
कुछ गर्दिशें हैं मेरे मुक़द्दर में इन दिनों,,
अपने भी देखते हैं बड़ी बेरुखी के साथ
अपने भी देखते हैं बड़ी बेरुखी के साथ
“बहुत हसीन रही थी नजदीकियाँ हमारी,
यकीनन फासले तो जानलेवा होने ही थे।”
यकीनन फासले तो जानलेवा होने ही थे।”
फर्क था हम दोनो की मोहब्बत मे..
मुझे सिर्फ उससे ही थी.
उसे मुझसे भी थी..
मुझे सिर्फ उससे ही थी.
उसे मुझसे भी थी..
घायल करके मुझे उसने पुछा..?
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लुहान था दिल मगर..
होठों ने कहा..
बेइंतेहा.. बेइंतेहा..!!
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लुहान था दिल मगर..
होठों ने कहा..
बेइंतेहा.. बेइंतेहा..!!
ना फिसलो इस उम्मीद में की कोई तुम्हें उठा लेगा,
सोचकर मत डुबो दरिया में की कोई तुम्हें बचा लेगा,
ये दुनिया तो एक अडडा है, तमाशबिनो का दोस्तो,
अगर देखा तुम्हें मुसीबत में तो हर कोई मज़ा लेगा...!!!
सोचकर मत डुबो दरिया में की कोई तुम्हें बचा लेगा,
ये दुनिया तो एक अडडा है, तमाशबिनो का दोस्तो,
अगर देखा तुम्हें मुसीबत में तो हर कोई मज़ा लेगा...!!!