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*शत्रुबोध💀*

*8 अप्रैल 1929 : जब भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने एसेम्बली में धुंए वाला बम फेंका था। सभी को पता है कि क्रांतिकारियों के परिवार बुरी स्थिति में रहे। परन्तु देश के गद्दारों का क्या हुआ?*

*खुशवंत सिंह का गद्दार खानदान—*
शोभा सिंह ही 8 अप्रैल 1929 को संसद में हुए बम विस्फोट के मुख्य गवाह था। शोभा सिंह ने ही भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की पहचान की थी और गवाही दी थी। । शोभा सिंह की वफादारी ब्रिटिश सरकार के प्रति वैसे ही थी जैसे कुंज बिहारी थापर की थी। इसी वजह से दोनों के वंशजों को अकूत संपत्ति के साथ प्रतिष्ठा भी मिली। भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने जैसे ही भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की ब्रिटिश सरकार ने सुजान सिंह के साथ उन्हें भी लुटियंस दिल्ली बनाने का ठेका देकर पुरस्कृत किया। साउथ ब्लॉक, और वार मेमोरियल आर्क (अब इंडिया गेट) के लिए यही अशिक्षित सोभा सिंह एकमात्र बिल्डर था। सोभा सिंह दिल्ली में जितनी जमीन खरीद सकते था उतनी ख़रीदता गया ।2 रुपये प्रति गज़ के हिसाब से उसने कई व्यापक साइटें खरीदीं और वो भी फ़्री होल्ड के रूप में। उस समय उसे आधी दिल्ली दा मलिक (दिल्ली के आधे हिस्से का मालिक) कहा जाता था। उसे 1944 के बर्थडे ऑनर्स में सर की उपाधि से विभूषित किया गया था। शोभा सिंह का छोटा भाई सरदार उज्जल सिंह सांसद बन गया जो बाद में पंजाब और तमिलनाडु के राज्यपाल भी बना। इस सर शोभा सिंह के चार बेटे थे भगवंत, खुशवंत, गुरबक्श और दलजीत और एक बेटी थी मोहिंदर कौर। खुशवंत सिंह एक नामी पत्रकार और लेखक होने के साथ ही एक राजनीतिज्ञ था। उन्होंने 1980 से 86 तक राज्य सभा के सदस्य व इंदिरा गांधी के आपातकाल के समर्थक खुले रूप से कांग्रेस के समर्थक रहा। इसके एवज में उसे 1974 में पद्म-भूषण पुरस्कार से और 2007 में उसको दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया गया।

*गद्दार थापर खानदान—*
जलियांवाला हत्याकांड करने वाले जनरल डायर की मृत्यु सेरिब्रल हेमरेज से 1927 में हुई। तत्कालीन पंजाब के गवर्नर रहे माइकल ओड्वायर का वध बलिदानी सरदार उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 में की। वहीं ऐसी दुर्दांत घटना के बाद तत्कालीन पंजाब के गवर्नर माइकल ओड्वायर को स्वर्ण मंदिर में सम्मानित भी किया गया था। मृत्यु के बाद उसके परिवार को पंजाब से ही कुंज बिहारी थापर, उम्र हयात खान, चौधरी गज्जन सिंह और राय बहादुर लाल चंद की ओर से 1,75,000 रुपये दिए गए।

कुंज बिहारी थापर के तीन बेटे थे दया राम, प्रेम नाथ तथा प्राण नाथ। इसके अलावा उसे पांच बेटियां भी थीं। पत्रकार करण थापर के पिता जनरल प्राण नाथ थापर एकमात्र ऐसे सेना प्रमुख थे जिन्होंने युद्ध हारा था। 1962 में चीन से लड़ाई हारने के कारण ही उन्हें 19 नवंबर 1962 को अपमानित होकर जबरन इस्तीफा देना पड़ा था। 1936 में प्राण नाथ थापर ने गौतम सहगल की बहन बिमला बशिराम सहगल से शादी की थी। वहीं 1944 में गौतम सहगल की नयनतारा सहगल से शादी हुई। नयनतारा सहगल जवाहरलाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी की तीन बेटियों में से दूसरी बेटी थी। *प्रसिद्ध मार्क्सवादी इतिहासभ्रष्टक रोमिला थापर* इसी कुंज बिहारी थापर के बेटे दायराम थापर की बेटी है और रिश्ते में *वामी पत्रकार करन थापर* की बहन है।
*सीता से कहलवाया – ‘मर्द बनने निकला था तू, इंसान बनना भूल गया’, राम कहते हैं – ‘अब एक औरत समझाएगी मुझे?’: IIT बॉम्बे में रामायण के नाम पर हिन्दू धर्म का अपमान*

IIT बॉम्बे में रामायण पर खेले जा रहे नाटक के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने का मामला सामने आया है। इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इससे पहले पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। दरअसल, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित IIT बॉम्बे में कल्चरल फेस्ट का आयोजन किया गया था। 31 मार्च को ‘परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल’ हुआ। ये रामायण पर आधारित था और इसमें भगवान राम की ही आलोचना की गई।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/iit-bombay-play-drama-ramayana-mock-sita-ram-hindu-dharma-video-viral-after-pondicherry-university/
*जागरण में गया था परिवार, घर में घुसकर अनस कुरैशी ने एकता का रेत दिया गला: हत्या कर उसी की कार से भागा, एक्सीडेंट के बाद अस्पताल पहुँचा*

मोहाली की एकता मुरादाबाद के रहने वाले अनस कुरैशी के साथ 4 साल से रिश्ते में थे। वो एक एमएनसी में काम करती थी। शनिवार की सुबह एकता का शव उसके ही घर में मिला। वो शुक्रवार की रात ड्यूटी पर गई थी, फिर रात 2.30 बजे अनस कुरैशी के साथ घर वापस आ गई थी। उसने अपने भाई रोहित को बताया था कि वो फैमिली के साथ जागरण में नहीं जाएगी, क्योंकि उसकी ड्यूटी है, लेकिन वो अनस के साथ घर आ रही है। ऐसे में जब सुबह घर वालों को पता चला कि एकता की सेलेरियो गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है, तो उन लोगों ने एकता को कॉल लगाया। एकता का कॉल न मिलने में सुबह सब लोग घर पहुँचे, तो उसका खून से सना शव पड़ा मिला। बाद में पता चला कि कार के साथ अनस का एक्सीडेंट हुआ, जो एकता की हत्या के बाद फरार हो रहा था।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/hindu-woman-ekta-stabbed-to-death-by-muslim-friend-anas-quraishi-in-mohali/
*बंगाल में NIA की टीम पर हमला, FIR भी NIA के ही अधिकारियों पर: TMC नेता के घर की महिलाओं का शोषण करने का आरोप, ब्लास्ट केस में कार्रवाई करने आई थी एजेंसी*

पश्चिम बंगाल में NIA के जिन अधिकारियों पर आक्रमण किया गया था उन्हीं पर अब महिलाओं के शोषण का आरोप लगा कर FIR करवा दी गई है। पूर्वी मिदनापुर पुलिस ने NIA अधिकारियों के विरुद्ध IPC की धारा-354 (शोषण) और 441 (बिना अधिकार प्रवेश) लगाते हुए FIR दर्ज की है। शनिवार (6 अप्रैल, 2024) की सुबह को ये आक्रमण हुआ, रात को FIR दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए TMC कार्यकर्ता मनोव्रत जैन के परिजनों की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया है। उनका कहना है कि देर रात के समय दरवाजा तोड़ कर NIA के अधिकारीयों ने महिलाओं का शोषण किया।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/nia-officials-booked-by-west-bengal-police-in-women-molestation-after-being-attacked-in-east-midnapore-blast-case/
*'मुझे मारा, कार में घुसने की कोशिश की’: माँ काली की पूजा कर लौट रहीं BJP की महिला उम्मीदवार पर बंगाल में हमला, लॉकेट चटर्जी ने बताया- TMC नेता थे मौजूद*

लॉकेट चटर्जी पश्चिम बंगाल की हुगली लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी हैं। वह 6 अप्रैल 2024 को बंसुरिया इलाके के एक मंदिर में काली पूजा पर आयोजित कार्यक्रम से लौट रहीं थी। अचानक उनकी कार पर ‘भीड़’ ने आक्रमण कर दिया। यह भीड़ कहाँ से आई थी यह न तो स्थानीय लोगों को पता है और न ही पुलिस को। उन्होंने घटना के दौरान मौके पर सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के नेताओं के मौजूद होने की बात कही है। साथ ही बताया है कि भीड़ में सम्मिलित एक व्यक्ति ने दो बार उन्हें मारा और उनकी कार में घुसने की कोशिश की।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/politics/west-bengal-hooghly-bjp-candidate-locket-chatterjee-car-attacked-by-mob-tmc-leader/
*पढ़ाई हो गई पूरी, फिर भी हॉस्टल में कब्जा जमाकर बैठे थे: गुजरात यूनिवर्सिटी ने 7 अफगान छात्रों को निकाला, यहीं हुआ था नमाज पर विवाद*

गुजरात के अहमदाबाद में स्थित गुजरात यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल में अवैध तरीके से रह रहे सात पूर्व छात्रों को हॉस्टल से जाने के लिए कहा है। ये वही यूनिवर्सिटी है, जहाँ नमाज को लेकर भारतीय और विदेशी छात्रों में लड़ाई हो गई है, इसके बाद सभी विदेशी छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया था।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/gujarat-university-asked-to-leave-7-afghan-students-staying-illegally-in-hostel-after-recent-namaz-controversy/
*आत्मबोध🕉️🦁*

*श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय*

*दिवस :३०३/३५० (303/350)*

*।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।*

*सप्तदशऽध्याय : श्रद्धात्रयविभागयोग*

*अध्याय १७ श्लोक १८ (17:18)*
*सत्कारमानपूजार्थं तपो दम्भेन चैव यत्।*
*क्रियते तदिह प्रोक्तं राजसं चलमध्रुवम्॥*

*शब्दार्थ—*
(यत्) जो (तपः) तप (सत्कारमानपूजार्थम्) सत्कार मान रूपी पूजाके लिये (एव) ही (च) और (दम्भेन) पाखण्डसे (क्रियते) किया जाता है (तत्) वह (अध्रुवम्) अस्थाई (चलम्) नाशवान तप (इह) यहाँ (राजसम्)राजस (प्रोक्तम्)कहा गया है।

*अनुवाद—*
जो तप सत्कार, मान और पूजा के लिए तथा अन्य किसी स्वार्थ के लिए भी स्वभाव से या पाखण्ड से किया जाता है, वह अनिश्चित ('अनिश्चित फलवाला' उसको कहते हैं कि जिसका फल होने न होने में शंका हो।) एवं क्षणिक फलवाला तप यहाँ राजस कहा गया है।

*अध्याय १७ श्लोक १९ (17:19)*
*मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तप:।*
*परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्।।*

*शब्दार्थ—*
(यत्) जो (तपः) तप (मूढग्राहेण) मूढतापूर्वक हठसे (आत्मनः)अपने मन, वाणी और शरीरकी (पीडया) पीड़ाके सहित (वा) अथवा (परस्य) दूसरेका (उत्सादनार्थम्) अनिष्ट करनेके लिये (क्रियते) किया जाता है (तत्) वह तप (तामसम्) तामस (उदाहृतम्) कहा गया है।

*अनुवाद—*
जो तप मूढ़तापूर्वक हठ से, मन, वाणी और शरीर की पीड़ा के सहित अथवा दूसरे का अनिष्ट करने के लिए किया जाता है- वह तप तामस कहा गया है।

शेष क्रमश: कल

*अधिकांश हिन्दू तथाकथित व्यस्तता व तथाकथित समयाभाव के कारण हम सभी सनातनियों के लिए आदरणीय पठनीय एवं अनुकरणीय श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करना छोड़ चुके हैं, इसलिए प्रतिदिन गीता जी के दो श्लोकों को उनके हिन्दी अर्थ सहित भेजकर लगभग एक वर्ष के अन्तराल  (350 दिन × 2 श्लोक/दिन = 700 श्लोक) में एक बार समूह से हजारों हिन्दुओं को सम्पूर्ण गीताजी का स्वाध्याय कराने का प्रण लिया गया है। आप सभी भी ये दो श्लोक प्रतिदिन पढ़ने व पढ़वाने का संकल्प लें।*

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*आत्मबोध🕉️🚩*

*दैनिक वेद मन्त्र स्वाध्याय : वेद में धर्ममार्ग में समय के सुप्रयोग का उपदेश।*

*अति द्रवश्वानौ सारमेयौ चतुरक्षौ शबलौ साधुना पथा। अधापितॄन्त्सुविदत्राँ अपीहि यमेन ये सधमादं मदन्ति॥*

*(अथर्ववेद - काण्ड 18; सूक्त 2; मन्त्र 11)*

*मन्त्रार्थ—*
[हे जीव !] तू (सारमेयौ) सार कर्मों से प्रमाण करने योग्य, (चतुरक्षौ) चार दिशाओं में व्यापक, (शबलौ) चितकबरे (श्वानौ) दो चलनेवाले [राति-दिन] को (साधुना) धर्म के साधनेवाले (पथा) मार्ग से (अति) पार करके (द्रव) चल। (अध) तब (सुविदत्रान्) बड़े ज्ञानी (पितॄन्) पितरों [रक्षक महापुरुषों] को (अपि) निश्चय करके (इहि) प्राप्त हो, (वे) जो [पितर] (यमेन) न्यायकारी परमात्मा के साथ (सधमादम्) मिले हुए हर्ष को (मदन्ति) भोगते हैं।

*व्याख्या—*
जो मनुष्य गमनशील समय का धर्म मार्ग में सुप्रयोग करते हैं, वे महाविद्वानों के समान परमात्मा से मिलकर मोक्षसुख भोगते हैं।

*हिन्दू एकता संघ द्वारा सनातन धर्म के मूल ग्रन्थ वेदों के कल्याणकारी मन्त्रों के प्रचार हेतु बनाए गए नए इंस्टाग्राम पेज @vedicdarshan से जुड़ें 👇🏻🕉️*

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*शुभं भवतु नववर्षम् 🕉️💐*

*चैत्र शुक्ल प्रतिपदा : हिन्दू नववर्ष*

*आओ, अब हम भी शुभकामनाएँ देना आरंभ करें!🚩*

*"रिद्धि दे,*
*सिद्धि दे,*
*वंश में वृद्धि दे,*
*ह्रदय में ज्ञान दे,*
*चित्त में ध्यान दे,*
*अभय वरदान दे,*
*दुःख को दूर कर,*
*सुख भरपूर कर |*

*सभी को हिंदू नववर्ष(नव संवत्सर २०८१(2081) ) की अनंत शुभकामनाएं, नववर्ष हम सभी के लिए, हमारे धर्म व राष्ट्र के लिए मंगलमय हो 🚩*
*आत्मबोध🕉️🚩*

*हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (अंग्रेजी तिथिनुसार इस वर्ष 9 अप्रैल) के दिन अपने घरों-प्रतिष्ठानों में यश, कीर्ति और विजय की प्रतीक ध्वजा फहराने का महत्व—*

🚩चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा ही वर्षारंभ दिवस है; क्योंकि यह सृष्टि की उत्पत्ति का पहला दिन है । इस दिन प्रजापति देवता की तरंगें पृथ्वी पर अधिक आती हैं । इसी दिन से काल गणना शुरू हुई थी ।

🚩भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है ।

🚩इस दिन भूलोक के वातावरण में रजकणों का प्रभाव अधिक मात्रा में होता है, इस कारण पृथ्वी के जीवों का क्षात्रभाव भी जागृत रहता है । इस दिन वातावरण में विद्यमान अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव भी कम रहता है ।

🚩नूतनवर्षारंभ पर ध्वजा खड़ी करने का शास्त्रीय महत्व…
देवासुर संग्राम में भगवान श्री विष्णु ने देव सैनिकों को युद्ध के प्रत्येक स्तर पर लाभान्वित करने के लिए युद्ध में जाने से पूर्व, युद्ध के समय एवं युद्ध समाप्ति पर विविध प्रकार की ध्वजा ले जाने की सलाह दी । देवताओं के विजयी होने पर देव सैनिकों ने सोने की लाठी पर रेशमी वस्त्र लगाकर उस पर सोने का कलश रखा । इस प्रकार ध्वजा खड़ी करने से ध्वजा द्वारा संपूर्ण वातावरण में चैतन्य प्रक्षेपित होता है । इस चैतन्य का उस वातावरण में विद्यमान जीवों पर भी प्रभाव पड़ता है । स्वर्ग लोक का वातावरण सात्त्विक एवं चैतन्यमय होता है । इस कारण धर्मध्वजा पर केवल वस्त्र लगाने से ही धर्मध्वजा में उच्च लोकों से प्रक्षेपित तरंगें आकृष्ट होती हैं । इनसे देवताओं को लाभ होता है । धर्मध्वजा में विद्यमान देवतातत्त्व का सम्मान करने के लिए कभी-कभी उसे पुष्पमाला अर्पण करते हैं ।

🚩पृथ्वी का वातावरण रज-तमात्मक होता है । साथ ही पृथ्वीवासियों में ईश्वर के प्रति भाव भी अल्प होता है । उन्हें धर्मध्वजा का लाभ मिले, इसलिए धर्मध्वजा को नीम के पत्ते एवं शक्कर के पदकों की माला लगाई जाती हैं । स्वर्गलोक की धर्मध्वजा में पृथ्वी की गुड़ी की अपेक्षा 20 प्रतिशत अधिक मात्रा में चैतन्य ग्रहण होता है । उसके प्रक्षेपण की मात्रा भी 10 से 15 प्रतिशत अधिक होती है ।

🚩सैकड़ों वर्षों के विदेशी आक्रमणों के बावजूद भी अपनी सनातन संस्कृति आज भी विश्व के लिए आदर्श बनी है । परंतु पश्चिमी कल्चर के प्रभाव से भारतीय पर्वों का विकृतिकरण होते देखा जा रहा है । भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन के लिए भारतीय पर्वों को बड़ी विशालता से जरूर मनाएं।

🚩घर के ऊपर झंडा या ध्वज पताका अवश्य लगाएं।

🚩हमारे शास्त्रों में झंडा या पताका लगाने का विधान है । पताका यश, कीर्ति, विजय , घर में सुख समृद्धि , शान्ति एवं पराक्रम का प्रतीक है। जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकारात्मक उर्जा दूर चली जाती है।

🚩हिन्दू समाज में अगर सभी घरों में चैत्री नूतनवर्ष के दिन भगवा स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा फहरेगा तो हिन्दू समाज का यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम दूर दूर तक फैलेगा।

🚩पहले के जमाने में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो ध्वजा फहराई जाती थी। ध्वजा का जहां सनातन धर्म में विशेष महत्व एवं आस्था रही है वहीं ध्वज की छत्र छाया में हो रहे पर्यावरण की शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलेगा ।

🚩शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है झंडे या पताका आयताकार या त्रिकोना होता है । जो भवनों, मंदिरों, आदि पर फहराया जाता है ।

🚩घर पर ध्वजा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश तो होता ही है साथ ही घर को बुरी नजर से भी बचाव होता है। घर पर किसी भी प्रकार की बाहरी हवा नहीं लगती है। घर में भूत, प्रेत आदि का प्रवेश नहीं होता । ध्वजा पर हनुमान जी का स्थान होता है, स्वयं हनुमान जी सम्पूर्ण प्रकार से घर की, घर के सम्पूर्ण सदस्यों की रक्षा करते हैं । सभी प्रकार के अनिष्टों से बचा जा सकता है ।

🚩सभी हिन्दू घरों में वायव्य कोण यानि उत्तर पश्चिम दिशा में झंडा या ध्वजा जरूर लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम कोण यानि वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है।

🚩सभी हिन्दू अपने घरों में पीले, सिंदूरी, लाल या केसरिया रंग के कपड़े पर स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा अवश्य लगाएं। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति मंदिर के ऊपर लहराता हुआ झंडा देखे तो कई प्रकार के रोग का शमन हो जाता है ।

🚩अतः भारतीय नववर्ष 9 अप्रैल को अपने घर पर ध्वज पताका अवश्य लगायें।

🚩‘नववर्षारंभ’ त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाये और अपनी संस्कृति की रक्षा करेंगे ऐसा प्रण करें।
2024/09/28 11:23:25
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