तू भागीरथी सी चंचल
मैं अलकनंदा सा शांत प्रिये
जब संगम हो हमारा
तू बनें गंगा और मैं तेरा घाट प्रिये...!!
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मैं अलकनंदा सा शांत प्रिये
जब संगम हो हमारा
तू बनें गंगा और मैं तेरा घाट प्रिये...!!
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नाउम्मीद क्या हो जाएं,
फिर ख़ुद को ख़ुद ही से मनाना पड़ता है.... जो... अच्छा नहीं लगता...!!
फिर ख़ुद को ख़ुद ही से मनाना पड़ता है.... जो... अच्छा नहीं लगता...!!
एक रात एक बात लिखूंगा
खुद को दाग़ तुझे साफ़ लिखूंगा
हकीकत में तु कभी मिलेगा नहीं
एक किताब में अपनी मुलाकात लिखूंगा...!!
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खुद को दाग़ तुझे साफ़ लिखूंगा
हकीकत में तु कभी मिलेगा नहीं
एक किताब में अपनी मुलाकात लिखूंगा...!!
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हर चीज़ ज़िद्द करके लेने वाला मैं लड़का
एक तुझे पाने के लिए
सब्र कर रहां हूं...!!
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एक तुझे पाने के लिए
सब्र कर रहां हूं...!!
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उम्र ऐसी है कि सबकी बातें चुभती है
हालात ऐसे हैं की कुछ कर नहीं सकते...
ज़िंदगी ऐसी है जो जी नहीं जा रही
जमाना ऐसा ही की जवानी में मर भी नहीं सकते...!!
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हालात ऐसे हैं की कुछ कर नहीं सकते...
ज़िंदगी ऐसी है जो जी नहीं जा रही
जमाना ऐसा ही की जवानी में मर भी नहीं सकते...!!
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एक ख्वाहिश है मेरी उसको पूरा करोगी क्या
मेरे दिल को सुकून दिलवाओगी क्या...
तुम्हारे हाथों की कोमलता को
महसूस करना चाहता हूं
सुनो होली आ रही है मुझे रंग लगाओगी क्या...!!
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मेरे दिल को सुकून दिलवाओगी क्या...
तुम्हारे हाथों की कोमलता को
महसूस करना चाहता हूं
सुनो होली आ रही है मुझे रंग लगाओगी क्या...!!
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ना जाने क्या मुझसे जमाना चाहता है
हर पल हर कोई दिल दुखाना चाहता है...
न जाने क्या झलकता है मेरे चेहरे से जो
हर सख्श मुझे ही आजमाना चाहता है...!!
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हर पल हर कोई दिल दुखाना चाहता है...
न जाने क्या झलकता है मेरे चेहरे से जो
हर सख्श मुझे ही आजमाना चाहता है...!!
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क्या सुनाऊं हाल ए दिल तुमको
घर से इज्ज़त भी गई
और सनम से जुदा भी हो गए...!!
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घर से इज्ज़त भी गई
और सनम से जुदा भी हो गए...!!
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बताओ कौन कौन हैं जो मेरे साथ नहीं हैं,
सबका शुक्रगुजार हूं और ख़ासकर तुम्हारा भी..!!
सबका शुक्रगुजार हूं और ख़ासकर तुम्हारा भी..!!
आदमी की चाहत है उसी की बगावत है,
एक पल में जिसकी चाहत है अगले में बगावत है..!!
एक पल में जिसकी चाहत है अगले में बगावत है..!!
मैं बहुत बुरा बुरा कहना चाहता हूं ख़ुद को,
मगर जितना जानता हूं,
बुरा आदमी तो नहीं था मैं..!!
मगर जितना जानता हूं,
बुरा आदमी तो नहीं था मैं..!!
मेरी तकलीफ़ की वज़ह तुम नहीं हो
तकलीफ़ की वज़ह ये है कि
तुम नहीं हो...!!
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तकलीफ़ की वज़ह ये है कि
तुम नहीं हो...!!
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ख़त्म हो रही है नादानियां मेरी
मैं समझदार बन रहा हूं...
कुछ ना मिलने पर रोता था
सब कुछ खो कर हस रहा हूं...!!
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मैं समझदार बन रहा हूं...
कुछ ना मिलने पर रोता था
सब कुछ खो कर हस रहा हूं...!!
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वजह जो भी हो पता नहीं और अब मैं सोचता भी नहीं,
सुबह उठता हूं उदास रहता हूं सोनें जाता हूं उदास रहता हूं..!!
सुबह उठता हूं उदास रहता हूं सोनें जाता हूं उदास रहता हूं..!!
पिला दो आज सारी ठेके की बोतलें हमें
अगर मोहब्बत भूल गए
तो तुम्हारा ठेका खरीद लेंगे...!!
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अगर मोहब्बत भूल गए
तो तुम्हारा ठेका खरीद लेंगे...!!
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तुम्हें नज़र अन्दाज़ करूं
मुझ में इतना गुरूर कहां...
और तुम्हें देखूं नज़र भर कर
मेरी आंखों में इतना नूर कहां...!!
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मुझ में इतना गुरूर कहां...
और तुम्हें देखूं नज़र भर कर
मेरी आंखों में इतना नूर कहां...!!
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