ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र
आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी”
आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी”
किसी से उम्मीद लगाने से अच्छा है मुल्तानी मिट्टी लगाओ...!!
रंग भी गोरा होगा और दिल को भी सुकून मिलेगा...!!!😉🤣🤣😉😏
रंग भी गोरा होगा और दिल को भी सुकून मिलेगा...!!!😉🤣🤣😉😏
Kisi Ne Yun Hi Pooch Liya Humse
Ki Dard Ki Keemat Kya Hai,
Humne Hanste Huye Kaha
Pata Nahin...
Kuch Apne Muft Me De Gaye...!!!
Ki Dard Ki Keemat Kya Hai,
Humne Hanste Huye Kaha
Pata Nahin...
Kuch Apne Muft Me De Gaye...!!!
दुर्योधन के पास जब श्रीकृष्ण मैत्री संदेश और युद्ध ना करने और केवल पाँच गाँव देने की संधि करने गये तो दुर्योधन ने अपनी कुबुद्धि लगा के उनको ही बांधने हेतु प्रयास किया तब प्रभु श्री कृष्ण ने जो चेतावनी दी ।उसे
राष्ट्रकवि दिनकर अपने शब्दों में लिखते हैं ।
बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन,
पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?
हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।
आज हिन्दी दिवस के दिन ये अद्भुत वीररस से भरपूर कविता आपको भी यह विश्वास दिलाती है कि मित्रों से और उन सभी लोगों को जिन्हें आप अपना मानते है ।टकराव की स्थिति में संधि पत्र ज़रूर लें जायें परंतु अगर सामने वाला अन्याय के पक्ष में लगातार हो तो भगवान श्रीकृष्ण की बातों का ही संदर्भ लेना चाहिए ।
और अंतिम संकल्प यही घोषित कर देना चाहिए कि
'याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।'
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 🔥🔥🙏🙏
राष्ट्रकवि दिनकर अपने शब्दों में लिखते हैं ।
बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन,
पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?
हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।
आज हिन्दी दिवस के दिन ये अद्भुत वीररस से भरपूर कविता आपको भी यह विश्वास दिलाती है कि मित्रों से और उन सभी लोगों को जिन्हें आप अपना मानते है ।टकराव की स्थिति में संधि पत्र ज़रूर लें जायें परंतु अगर सामने वाला अन्याय के पक्ष में लगातार हो तो भगवान श्रीकृष्ण की बातों का ही संदर्भ लेना चाहिए ।
और अंतिम संकल्प यही घोषित कर देना चाहिए कि
'याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।'
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 🔥🔥🙏🙏
'किसान और चिड़िया की खूबसूरत कहानी'
एक गाँव में एक किसान रहता था उसका गाँव के बाहर एक छोटा सा खेत था एक बार फसल बोने के कुछ दिनों बाद उसके खेत में चिड़िया ने घोंसला बना लिया
कुछ समय बीता, तो चिड़िया ने वहाँ दो अंडे भी दे दिए उन अंडों में से दो छोटे-छोटे बच्चे निकल आये वे बड़े मज़े से उस खेत में अपना जीवन गुजारने लगे
कुछ महीनों बाद फसल कटाई का समय आ गया गाँव के सभी किसान अपने खेतों की फ़सल की कटाई में लग गए अब चिड़िया और उसके बच्चों का वह खेत छोड़कर नए स्थान पर जाने का समय आ गया था
एक दिन खेत में चिड़िया के बच्चों ने किसान को यह कहते सुना कि कल मैं फ़सल कटाई के लिए अपने पड़ोसी से पूछूंगा और उसे खेत में भेजूंगा यह सुनकर चिड़िया के बच्चे परेशान हो गए उस समय चिड़िया कहीं गई हुई थी जब वह वापस लौटी, तो बच्चों ने उसे किसान की बात बताते हुए कहा, “माँ, आज हमारा यहाँ अंतिम दिन है रात में हमें दूसरे स्थान के लिए यहाँ से निकला होगा”
चिड़िया ने उत्तर दिया, “इतनी जल्दी नहीं बच्चों मुझे नहीं लगता कि कल खेत में फसल की कटाई होगी”
चिड़िया की कही बात सही साबित हुई दूसरे दिन किसान का पड़ोसी खेत में नहीं आया और फ़सल की कटाई न हो सकी
शाम को किसान खेत में आया और खेत को जैसे का तैसा देख बुदबुदाने लगा कि ये पड़ोसी तो नहीं आया ऐसा करता हूँ कल अपने किसी रिश्तेदार को भेज देता हूँ”
चिड़िया के बच्चों ने फिर से किसान की बात सुन ली और परेशान हो गए जब चिड़िया को उन्होंने ये बात बताई, तो वह बोली, “तुम लोग चिंता मत करो आज रात हमें जाने की ज़रुरत नहीं है मुझे नहीं लगता कि किसान का रिश्तेदार आएगा”
ठीक ऐसा ही हुआ और किसान का रिश्तेदार अगले दिन खेत नहीं पहुँचा चिड़िया के बच्चे हैरान थे कि उनकी माँ की हर बात सही हो रही है
अगली शाम किसान जब खेत आया, तो खेत की वही स्थिति देख बुदबुदाने लगा कि ये लोग तो कहने के बाद भी कटाई के लिए आते नहीं है कल मैं ख़ुद आकर फ़सल की कटाई शुरू करूंगा
चिड़िया के बच्चों ने किसान की ये बात भी सुन ली अपनी माँ को जब उन्होंने ये बताया तो वह बोली, “बच्चों, अब समय आ गया है ये खेत छोड़ने का हम आज रात ही ये खेत छोड़कर दूसरी जगह चले जायेंगे”
दोनों बच्चे हैरान थे कि इस बार ऐसा क्या है, जो माँ खेत छोड़ने को तैयार है उन्होंने पूछा, तो चिड़िया बोली, “बच्चों, पिछली दो बार किसान कटाई के लिए दूसरों पर निर्भर था दूसरों को कहकर उसने अपने काम से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है इस बार उसने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है इसलिए वह अवश्य आएगा”
उसी रात चिड़िया और उसके बच्चे उस खेत से उड़ गए और कहीं और चले गए
अर्थात - दूसरों की सहायता लेने में कोई बुराई नहीं है किंतु यदि आप समय पर काम शुरू करना चाहते हैं और चाहते हैं कि वह समय पर पूरा हो जाये, तो उस काम की ज़िम्मेदारी स्वयं लेनी होगी दूसरे भी मदद उसी की करते हैं, जो अपनी मदद करता है.
एक गाँव में एक किसान रहता था उसका गाँव के बाहर एक छोटा सा खेत था एक बार फसल बोने के कुछ दिनों बाद उसके खेत में चिड़िया ने घोंसला बना लिया
कुछ समय बीता, तो चिड़िया ने वहाँ दो अंडे भी दे दिए उन अंडों में से दो छोटे-छोटे बच्चे निकल आये वे बड़े मज़े से उस खेत में अपना जीवन गुजारने लगे
कुछ महीनों बाद फसल कटाई का समय आ गया गाँव के सभी किसान अपने खेतों की फ़सल की कटाई में लग गए अब चिड़िया और उसके बच्चों का वह खेत छोड़कर नए स्थान पर जाने का समय आ गया था
एक दिन खेत में चिड़िया के बच्चों ने किसान को यह कहते सुना कि कल मैं फ़सल कटाई के लिए अपने पड़ोसी से पूछूंगा और उसे खेत में भेजूंगा यह सुनकर चिड़िया के बच्चे परेशान हो गए उस समय चिड़िया कहीं गई हुई थी जब वह वापस लौटी, तो बच्चों ने उसे किसान की बात बताते हुए कहा, “माँ, आज हमारा यहाँ अंतिम दिन है रात में हमें दूसरे स्थान के लिए यहाँ से निकला होगा”
चिड़िया ने उत्तर दिया, “इतनी जल्दी नहीं बच्चों मुझे नहीं लगता कि कल खेत में फसल की कटाई होगी”
चिड़िया की कही बात सही साबित हुई दूसरे दिन किसान का पड़ोसी खेत में नहीं आया और फ़सल की कटाई न हो सकी
शाम को किसान खेत में आया और खेत को जैसे का तैसा देख बुदबुदाने लगा कि ये पड़ोसी तो नहीं आया ऐसा करता हूँ कल अपने किसी रिश्तेदार को भेज देता हूँ”
चिड़िया के बच्चों ने फिर से किसान की बात सुन ली और परेशान हो गए जब चिड़िया को उन्होंने ये बात बताई, तो वह बोली, “तुम लोग चिंता मत करो आज रात हमें जाने की ज़रुरत नहीं है मुझे नहीं लगता कि किसान का रिश्तेदार आएगा”
ठीक ऐसा ही हुआ और किसान का रिश्तेदार अगले दिन खेत नहीं पहुँचा चिड़िया के बच्चे हैरान थे कि उनकी माँ की हर बात सही हो रही है
अगली शाम किसान जब खेत आया, तो खेत की वही स्थिति देख बुदबुदाने लगा कि ये लोग तो कहने के बाद भी कटाई के लिए आते नहीं है कल मैं ख़ुद आकर फ़सल की कटाई शुरू करूंगा
चिड़िया के बच्चों ने किसान की ये बात भी सुन ली अपनी माँ को जब उन्होंने ये बताया तो वह बोली, “बच्चों, अब समय आ गया है ये खेत छोड़ने का हम आज रात ही ये खेत छोड़कर दूसरी जगह चले जायेंगे”
दोनों बच्चे हैरान थे कि इस बार ऐसा क्या है, जो माँ खेत छोड़ने को तैयार है उन्होंने पूछा, तो चिड़िया बोली, “बच्चों, पिछली दो बार किसान कटाई के लिए दूसरों पर निर्भर था दूसरों को कहकर उसने अपने काम से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है इस बार उसने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है इसलिए वह अवश्य आएगा”
उसी रात चिड़िया और उसके बच्चे उस खेत से उड़ गए और कहीं और चले गए
अर्थात - दूसरों की सहायता लेने में कोई बुराई नहीं है किंतु यदि आप समय पर काम शुरू करना चाहते हैं और चाहते हैं कि वह समय पर पूरा हो जाये, तो उस काम की ज़िम्मेदारी स्वयं लेनी होगी दूसरे भी मदद उसी की करते हैं, जो अपनी मदद करता है.
मैं कम भोजन 🍔 करने वाला,
तुम भैंस 🐃 जैसा खाती हो,
मैं भालू 🐼 जैसा चुप रहता,
😅
😂
😃
तुम मेंढक 🐸 सा टरटराती हो
😜😜😜😜😜🤣🤣🤣
तुम भैंस 🐃 जैसा खाती हो,
मैं भालू 🐼 जैसा चुप रहता,
😅
😂
😃
तुम मेंढक 🐸 सा टरटराती हो
😜😜😜😜😜🤣🤣🤣
International Day for the Preservation of the Ozone Layer being observed today under the theme “Montreal Protocol: Advancing Climate Actions”.
ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस आज “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना” थीम के तहत मनाया जा रहा है।
#ozoneday
ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस आज “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना” थीम के तहत मनाया जा रहा है।
#ozoneday
हमारी पोस्ट पे लाइक का बटन...!!👍
अपने अपने एक्स X का गला समझ कर ही दबा दिया करो...!!!
😜🙈🤣🤣🤣🤣🤣
अपने अपने एक्स X का गला समझ कर ही दबा दिया करो...!!!
😜🙈🤣🤣🤣🤣🤣
कोई नही देगा साथ तेरा यहाँ
तुझे लड़ना भी खुद है
"अगर आ गए इस दुनिया मे
तो जरूर कुछ करके जाना है,
क्योंकि लोग बाते नही
कारनामे याद रखते है... 🔥
तुझे लड़ना भी खुद है
"अगर आ गए इस दुनिया मे
तो जरूर कुछ करके जाना है,
क्योंकि लोग बाते नही
कारनामे याद रखते है... 🔥
“Oh, she doth teach the torches to burn bright!
It seems she hangs upon the cheek of night
Like a rich jewel in an Ethiope’s ear,
Beauty too rich for use, for earth too dear.
So shows a snowy dove trooping with crows
As yonder lady o'er her fellows shows.
The measure done, I’ll watch her place of stand,
And, touching hers, make blessèd my rude hand.
Did my heart love till now? Forswear it, sight!
For I ne'er saw true beauty till this night.”
It seems she hangs upon the cheek of night
Like a rich jewel in an Ethiope’s ear,
Beauty too rich for use, for earth too dear.
So shows a snowy dove trooping with crows
As yonder lady o'er her fellows shows.
The measure done, I’ll watch her place of stand,
And, touching hers, make blessèd my rude hand.
Did my heart love till now? Forswear it, sight!
For I ne'er saw true beauty till this night.”
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Don't feel too bad about letting them go, they didn't make an effort to keep you, and they didn't give you any reasons to stay...!!!🚔🐇🪷