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He is engaged....... a beautiful woman.

( having agreed to marry her)
Anonymous Quiz
48%
with
52%
to
Forwarded from G-HELP SURATGARH (G-Help Suratgarh Suratgarh)
Forwarded from G-HELP SURATGARH (Lakhveer Singh Brar)
1389_07_English_Master.pdf
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Ans Key English_Master.pdf
Forwarded from Lecturer aspirants (Krishan Goswami 😊)
“Drive my dead thoughts ..” here dead means - (Ode to the West wind)
Anonymous Quiz
22%
Bygone
32%
Latent
26%
Wild
20%
Fictitious
Forwarded from Lecturer aspirants
Forwarded from Lecturer aspirants (Krishan Goswami 😊)
What is the term used for ingressive air-sounds produced?
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29%
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Snap
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Clicks
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Beats
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@lecturerEnglish22
वागड़ कांई पूरो राजस्थान ई याद राख सी थांनै तो 😁
A must have test series👌
Forwarded from Girdhari Lal Suthar🇮🇳
अ नि ल उवाच
Result तो पहले आता था 📺 📷

बोर्ड एग्जाम 10वीं और 12वीं का तो लगभग सभी ने दिया होगा। उसका रिजल्ट तो हमारे जमाने मे ही आता था। जब रिजल्ट का दिन आता बे-सब्री से इंतजार रहता। ऑनलाइन का जमाना तो था नहीं इसलिए सुबह जल्दी उठते और अखबार वाले का इंतजार करते। जिनके घरों में अखबार नहीं आता था वे या तो उनके घर जाते जिनके घर अखबार आता था या फिर अखबार वाले से ऊंचे दामों पर अखबार खरीदते थे। उस समय दो रुपया का अखबार आता था लेकिन उस दिन 5 रुपये तक देने पड़ते थे। घर लाते ही गांव-मोहल्ले के वे सभी बच्चे जिनका रिजल्ट आना होता वे और उनके माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन जो भी होता घर पर आ जाते।

उल्टा रिजल्ट देखते पहले थर्ड डिवीजन फिर सेकंड डिवीजन। जब सेकंड डिवीजन में रोल नंबर नहीं दिखता तो एक बार तो यही मान लिया जाता कि फेल हो गया। मुँह लटक जाता। फिर हिम्मत जुटाकर वापस देखते और आसा ना होते हुए भी फर्स्ट डिवीजन भी देखते। जैसे ही फर्स्ट डिवीजन में नंबर दिखता खुशी से उछल पड़ते हैं और ना जाने कौन सी दुनिया में चले जाते हैं। अखबार देखने वाले जो-जो बच्चे पास होते जाते फिर वहां खुशी का माहौल बन जाता। पूरे मोहल्ले में मिठाइयां बंटती। जो बच्चे फेल हो जाते उनकी दशा का वर्णन नहीं किया जा सकता। जिनका नम्बर अखबार में नही होता उनके परिजन अपने बच्चे को कुछ ऐसे ढाढस बंधाते, बड़े-बुजुर्ग उन्हें समझाते कोई बात नहीं अगली बार मेहनत करना पास हो जाओगे, तो कई कहते चलो अब काम-धंधे लगो। मेरे कई साथी तो 10वीं 12वीं में फेल होकर के काम-धंधे भी लग गए।

रिजल्ट देखने के बाद पूरे मोहल्ले में चर्चाएं चलती अरे .. फलाने का लड़का तो प्रथम श्रेणी से पास हुआ है फलाने के लड़के ने पहली बार मे ही पास कर ली। आजकल बच्चों के नंबर भी तो 98, 99 और 100 प्रतिशत आते हैं और हमारे जमाने में 37, 38 या 45 प्रतिशत नंबर आते थे। यदि किसी के 50 या उसके ऊपर नंबर आ जाते तो लोगों की खुसर - फुसर शुरू हो जाती- नकल की होगी, मेहनत से कहां इत्ते नंबर आते हैं। वैसे भी इत्ता पढ़ते तो कभी देखा नहीं। भले ही बच्चे ने रात रात जगकर आंखें फोड़ी हों। या जो बच्चा फर्स्ट डिवीजन से पास होता तो उसके बारे में चर्चा होती कि इसका तो पहले ही पता था पढ़ाई में बहुत होशियार था। फालतू में इधर-उधर कभी नहीं घूमता था। लड़कियां अच्छे नंबरों से पास हो जाती तो उनकी तो यही चर्चा चलती की अमुक जी की लड़की तो बहुत सीधी, समझदार और होशियार है।

। सच मे रिजल्ट तो हमारे जमाने मे ही आता था।🤔😀😁🙏
1. William can't get used to working NIGHTS .

What is NIGHTS according to Parts of speech?
Anonymous Quiz
20%
(a) Singular Noun
43%
(b) Plural Noun
19%
(c) Adjective
17%
(d) Adverb
2025/02/06 17:00:04
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