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🇮🇳❄️वरिष्ठ साहित्यकार शरद पगारे 'व्यास सम्मान' से सम्मानित
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यह निर्णय हिंदी साहित्य के विद्वान प्रोफेसर रामजी तिवारी की अध्यक्षता में संचालित एक चयन समिति ने किया. वे व्यास सम्मान पाने वाले मध्य प्रदेश के पहले हिंदी लेखक हैं. 


वरिष्ठ साहित्यकार शरद पगारे को साल 2020 के लिए केके बिड़ला फाउंडेशन की तरफ से व्यास सम्मान की घोषणा की गई है. उन्हें यह सम्मान वर्ष 2010 में आए उनके उपन्यास 'पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी' के लिए दिया गया है. यह सम्मान पिछले दस वर्षों में प्रकाशित किसी भारतीय नागरिक की उत्कृष्ट हिंदी कृति पर दिया जाता है.

यह निर्णय हिंदी साहित्य के विद्वान प्रोफेसर रामजी तिवारी की अध्यक्षता में संचालित एक चयन समिति ने किया. वे व्यास सम्मान पाने वाले मध्य प्रदेश के पहले हिंदी लेखक हैं. उन्हें इस सम्मान में चार लाख रुपए की पुरस्कार राशि के साथ ही प्रशस्ति और प्रतीक चिन्ह भेंट किया जाएगा.

साहित्यकार शरद पगारे के बारे में👇🇮🇳

•    प्रोफेसर शरद पगारे का जन्म 05 जुलाई 1931 को खंडवा मध्य प्रदेश में हुआ था. वे इतिहास के प्रतिष्ठित विद्वान, शोधकर्ता और यशस्वी प्राध्यापक रहे हैं. उनकी कई रचनाओं का अंग्रेजी, उड़िया, मराठी, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु में अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है.

•    शरद पगारे को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, भारतभूषण सम्मान के अतिरिक्त कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उनके अब तक छ: कहानी संग्रह, दो नाटक व शोध प्रबंध प्रकाशित हुए हैं. भारत ही नहीं विदेशों में भी इनके प्रामाणिक इतिहास ज्ञान की सराहना की गई है.

•    शरद पगारे इतिहास के विद्वान, शोधकर्ता और प्राध्यापक रहे हैं. पगारे ने वृंदावन लाल वर्मा की ऐतिहासिक उपन्यास परम्परा के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है. एक इतिहासकार होने के साथ ही वे सफल कथाकार भी हैं. वे इन दिनों सेवानिवृत्त होकर स्वतंत्र लेखन में संलग्न हैं.

व्यास सम्मान: एक नजर में👇🇮🇳

व्यास सम्मान की शुरुआत साल 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा की गई थी. यह सम्मान किसी भारतीय लेखक को पिछले दस वर्ष के भीतर प्रकाशित उसकी किसी उत्कृष्ट कृति को मिलता है. इसके तहत चार लाख रुपए की पुरस्कार राशि के साथ एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किया जाता है.

पहला व्यास सम्मान साल 1991 में रामविलास शर्मा की कृति 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी' के लिए दिया गया था. व्यास सम्मान की विशिष्टता यह है कि इसे साहित्यकार को केंद्र में न रखकर साहित्यिक कृति को दिया जाता है.
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🇮🇳❄️क्या है 'डबल म्यूटेंट' वायरस, जानें इसके बारे में सबकुछ
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कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर देश में बढ़ गया है. लगभग पांच महीने के बाद भारत में एक दिन में 50 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो फिर से 2020 के उस संकट भरे समय की याद दिलाते हैं. 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में जानकारी दी है कि भारत में कोरोना वायरस के एक नए 'डबल म्यूटेंट' वेरिएंट का पता चला है. मंत्रालय ने बताया है कि देश के 18 राज्यों में कई 'वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न्स' (VOCs) पाए गए हैं. इसका अर्थ है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के अलग-अलग प्रकार पाए गए हैं जो स्वास्थ्य पर हानिकारक असर डाल सकते हैं.

कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर देश में बढ़ गया है. लगभग पांच महीने के बाद भारत में एक दिन में 50 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो फिर से 2020 के उस संकट भरे समय की याद दिलाते हैं. कोरोना की इस ताजा लहर में कई तथ्य ऐसे हैं, जो डराने वाले हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट का पाया जाना है.

डबल म्यूटेंट वैरिएंट क्या है?👇🇮🇳

देश में मिले डबल म्यूटेंट वैरिएंट को लेकर अभी शुरुआती जानकारी ही सामने आई है. भारत में पहली बार डबल म्यूटेंट वैरिएंट का पता चला है. डबल म्यूटेंट वैरिएंट को लेकर एक जानकारी ये सामने आई है कि कोरोना का ये प्रकार तेजी से फैलता है यानि ये ज्यादा संक्रामक है. यह नया 'डबल म्यूटेंट' वैरिएंट शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र से बचकर बॉडी में संक्रामकता के स्तर को बढ़ाता है.

डबल म्यूटेंट वैरिएंट कितना खतरनाक है?👇🇮🇳

डबल म्यूटेंट वैरिएंट इसलिए खतरनाक है क्योंकि ये शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र से ना सिर्फ बच सकता है बल्कि ये शरीर में तेजी से संक्रमण भी फैलाता है. ये वैरियंट इसलिए भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें वायरस के एक ही रूप में दो बदलाव हुए हैं.

वैरिएंट क्या है?👇🇮🇳

किसी भी वायरस में लगातार बदलाव होता रहता है और यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. वायरस अपना रूप बदलकर अपनी आंतरिक संरचना में बदलाव करता रहता है. कोई भी वायरस जब रूप बदलता है तो वह पूरा नहीं होता उसके कुछ न कुछ घटक छूट जाते हैं और इसे ही हम म्यूटेशन कहते हैं. जब उस म्यूटेशन का इंसानों पर असर होता है तो उसे वैरिएंट कहा जाता है. कोरोना का यह नया वैरिएंट दुनिया के 16 अन्य देशों में भी पाया गया है. इसमें ब्रिटेन, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
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🇮🇳❄️आशा भोसले को मिलेगा 2020 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, जानें विस्तार से
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आशा भोंसले मराठी गायक औत अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर की बेटी है. उन्होंने साल 1944 में पहली बार मराठी फिल्म में गाना गया था. 


महाराष्ट्र सरकार ने 25 मार्च 2021 को कहा कि प्रसिद्ध गायिका आशा भोसले को राज्य सरकार के सर्वोच्च पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली समिति ने भोसले को साल 2020 के पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया है.

आशा भोसले ने महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार 2020 मिलने पर महाराष्ट्र सरकार का आभार जताया है. आशा भोसले की बड़ी बहन और सिंगर लता मंगेशकर ने इस अवसर पर खुशी जताई है. महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1996 से दिया जा रहा यह पुरस्कार राज्य के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को उसके उत्कृष्ट कार्यों और उपलब्धियों के लिये दिया जाता है.


आशा भोसले के बारे में👇🇮🇳

आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को सांगली जिले में हुआ है. आशा भोंसले मराठी गायक औत अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर की बेटी है.

उन्होंने साल 1944 में पहली बार मराठी फिल्म में गाना गया था. उन्होंने इसके बाद कई भाषाओं में गाने गाए हैं.

 

उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं. दो बार उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. इसके अलावा वह 8 बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुकी है और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी 2001 में सम्मानित की जा चुकी है.

आशा भोसले 10 साल की उम्र से गाना गा रही हैं. उन्होंने 20 भाषाओं में 16 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं.

आशा भोसले पहली ऐसी भारतीय सिंगर हैं जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था.  उन्हें साल 1997 में पहली बार नॉमिनेट किया गया था.

उन्होंने हिंदी के अलावा मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं.
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🇮🇳❄️रूस ने एक ऐतिहासिक मिशन में 18 देशों के 38 विदेशी उपग्रह किए लॉन्च
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ये उपग्रह दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, इटली और ब्राजील सहित 18 विभिन्न देशों के थे. इन 38 उपग्रहों में से एक,  चुनौती -1 उपग्रह है जो पूरी तरह से ट्यूनीशिया में बनाया गया पहला उपग्रह है.


रूस ने अपने एक ऐतिहासिक मिशन में, 22 मार्च, 2021 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सोयूज-2.1 ए लॉन्च वाहन पर 38 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च किया. यह सोयूज -2 प्रक्षेपण यान का पहला पूर्णतः व्यावसायिक प्रक्षेपण था.

 

ये उपग्रह दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, इटली और ब्राजील सहित 18 विभिन्न देशों के थे.

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी, रोस्कोसमोस ने एक बयान में यह कहा है कि "बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से सोयुज-2.1 ए वाहक रॉकेट ने फ्रीगेट अपर स्टेज और 18 देशों के 38 स्पेसक्राफ्ट्स के साथ उड़ान भरी." इसमें यह भी कहा गया है कि, मुख्य पेलोड दक्षिण कोरियाई उपग्रह #CAS500-1 है.


मुख्य विशेषताएं👇🇮🇳

• CAS500-1 उपग्रह एक दक्षिण कोरियाई सुदूर संवेदन उपग्रह है और इसे एक कैमरे से सुसज्जित किया गया है, जो पृथ्वी के उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले विद्युत-ऑप्टिकल चित्र प्रदान करेगा.
• चैलेंज -1 उपग्रह भी 38 उपग्रहों में से था. यह ऐसा पहला उपग्रह है जो पूरी तरह से ट्यूनीशिया में बनाया गया है. यह टेलनेट दूरसंचार समूह द्वारा बनाया गया था. 
• यह प्रक्षेपण दो बार स्थगित होने के बाद 22 मार्च, 2021 को हुआ. इससे पहले, यह प्रक्षेपण 20 मार्च, 2021 को होने वाला था, लेकिन वोल्टेज में वृद्धि का पता लगने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.
• इस प्रक्षेपण यान ने कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से उड़ान भरी, जो दुनिया में सबसे बड़ा परिचालन अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल है.
• बैकोनूर कॉस्मोड्रोम को शुरू में सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के आधार के तौर पर USSR में बनाया गया था. सोवियत संघ के पतन के बाद इसे बाद में रूस को कजाकिस्तान सरकार द्वारा पट्टे पर दिया गया था.
• सबसे पहले कृत्रिम उपग्रह, स्पुतनिक 1 को इस स्थल से लॉन्च किया गया था.

पृष्ठभूमि👇🇮🇳

वर्ष, 1990 में सोवियत संघ के पतन के बाद से, रूसी अंतरिक्ष क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगियों से पिछड़ गया है. ऐसा कई भ्रष्टाचार घोटालों और तकनीकी ठहराव के कारण हुआ था.

वर्ष, 2018 में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में, एक रूसी कॉस्मोनॉट और नासा के एक अंतरिक्ष यात्री को ले जाने वाला एक रूसी सोयूज रॉकेट उड़ान के मध्य में विफल रहा, जिससे चालक दल को आपातकालीन लैंडिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री बिना किसी चोट के बच गए.
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🇮🇳❄️डेली का डोज 26 मार्च 2021
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1.डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) ने किस भारतीय रेसलर को हॉल ऑफ फेम 2021 में शामिल किया है?
a.    द ग्रेट खली✔️
b.    सुशील कुमार
c.    बजरंग पूनिया
d.    योगेश्वर दत्त

2.हाल ही में किसने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया है?
a.    मनु भाकर
b.    चिंकी यादव✔️
c.    हिना सिद्धू
d.    अपूर्वी चंदेला

3.हाल ही में किस सिंगर को महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा?
a.    लता मंगेशकर
b.    उषा मंगेशकर
c.    आशा भोसले✔️
d.    रानू मंडल

4.केंद्र सरकार ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन (K. VijayRaghavan) का कार्यकाल कितने साल के लिए बढ़ा दिया है?
a.    दो साल
b.    तीन साल
c.    चार साल
d.    एक साल✔️

5.अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक में भारत निम्न में से कौन से स्थान पर है?
a.    43वें
b.    36वें
c.    44वें
d.    40वें✔️

6.हाल ही में किस वरिष्ठ साहित्यकार को केके बिड़ला फाउंडेशन, नई दिल्ली की तरफ से व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया है?
a.    शरद पगारे✔️
b.    विष्णु प्रभाकर
c.    अजय अग्रवाल
d.    मोहन त्रिपाठी

7.किस देश ने रोहिंग्या सहित म्यांमार में चल रहे मानवाधिकारों की चिंताओं को उजागर करते हुए यूरोपीय संघ के नेतृत्व में एक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया है?
a.    नेपाल
b.    चीन
c.    अमेरिका✔️
d.    रूस

8.बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह ने 24 मार्च 2021 को किस शहर में “ग्राम उजाला योजना” लांच की?
a.    दिल्ली
b.    वाराणसी✔️
c.    रांची
d.    पटना

उत्तर-

1.a. द ग्रेट खली
डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) के मुताबिक दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली को हॉल ऑफ फेम (Hall of Fame) 2021 में शामिल किया जा रहा है. द ग्रेट खली के साथ अंडरटेकर और केन के भी हॉल ऑफ फेम 2021 में शामिल किए जाने की घोषण की गई है. द ग्रेट खली ने साल 2006 के अप्रैल में स्मैकडाउन में एंट्री की थी.

2.b. चिंकी यादव
चिंकी यादव ने 24 मार्च 2021 को अनुभवी राही सरनोबत के साथ मनु भाकर को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जिससे भारत ने आईएसएसएफ विश्व कप की महिला 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में तीनों पदक जीत लिये. चिंकी ने 2019 में दोहा में हुई 14वीं एशियाई चैम्पियनशिप में दूसरे स्थान पर रहकर ओलंपिक कोटा जीता था. वे पहले 20 निशानों में 14 के स्कोर से आगे चल रही थीं. उनके बाद मनु 13 अंकों से दूसरे स्थान पर थीं. 

3.c. आशा भोसले
सिंगर आशा भोसले को महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली कमिटी ने इस साल भोसले को इस पुरस्कार के लिए नामित किया है. महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1996 से दिया जा रहा यह पुरस्कार राज्य के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को उसके उत्कृष्ट कार्यों और उपलब्धियों के लिये दिया जाता है.

4.d. एक साल
केंद्र सरकार ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के. विजयराघवन (K. VijayRaghavan) का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है. उन्हें जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद 2018 में पीएसए नियुक्त किया गया था. उनका अनुबंध 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है लेकिन अब इसे अप्रैल 2022 तक बढ़ा दिया गया है.

5.d. 40वें
अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा’ (International Intellectual Property) का वार्षिक संस्करण 23 मार्च 2021 को जारी किया गया था. भारत नौवें बौद्धिक संपदा सूचकांक में 53 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 40वें स्थान पर था. यह सूचकांक ‘यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर’ द्वारा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है. यह पेटेंट के आधार पर 53 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बौद्धिक संपदा अधिकारों, आईपी संपत्तियों के व्यावसायीकरण, कॉपीराइट नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारों के अनुसमर्थन का मूल्यांकन करता है.

6.a. शरद पगारे
वरिष्ठ साहित्यकार शरद पगारे को केके बिड़ला फाउंडेशन, नई दिल्ली की तरफ से व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान वर्ष 2010 में आए उनके उपन्यास 'पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी' के लिए दिया गया है. यह सम्मान पिछले दस वर्षों में प्रकाशित किसी भारतीय नागरिक की उत्कृष्ट हिंदी कृति पर दिया जाता है.
7.c. अमेरिका
अमेरिका ने रोहिंग्या सहित म्यांमार में चल रहे मानवाधिकारों की चिंताओं को उजागर करते हुए यूरोपीय संघ (EU) के नेतृत्व में एक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया है. इसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 46वें सत्र में 01 फरवरी से किए गए घटनाक्रमों को भी याद किया है. UNHCR एक संयुक्त राष्ट्र संस्था है जो दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देती है और उनकी रक्षा करती है.
इसमें क्षेत्रीय समूह के आधार पर तीन साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 47 सदस्य शामिल हैं.

8.b. वाराणसी
बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह ने 24 मार्च 2021 को वाराणसी में “ग्राम उजाला योजना” लांच की. ग्राम उजाला योजना 10 रुपए में ग्रामीण क्षेत्रों में दुनिया का सबसे सस्ता एलईडी बल्ब प्रदान करती है. इस योजना को कार्बन क्रेडिट के आधार पर वित्तपोषित किया जाता है. इस योजना से ग्रामीण रोजगार के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा. यह भारत के गांवों का भी उत्थान करेगा और जलवायु परिवर्तन शमन में योगदान देगा.
डेली का डोज 26 मार्च 2021👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆
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🇮🇳❄️नॉर्वे में निर्मित होगी दुनिया की पहली शिप टनल
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नॉर्वे के स्टैडहाइव प्रायद्वीप में पहाड़ों के नीचे स्टैड शिप टनल बनाने की योजना है. यह टनल 1,700 मीटर लंबी, 37 मीटर ऊंची और 26.5 मीटर चौड़ी बनाई जायेगी.


नॉर्वे में दुनिया की पहली शिप टनल/ जहाज सुरंग का निर्माण किया जाएगा. इस इंजीनियरिंग परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष, 2022 में शुरू होगा और जिसके वर्ष, 2025-26 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

नॉर्वे के स्टैडहाइव प्रायद्वीप में पहाड़ों के नीचे स्टैड शिप टनल बनाने की योजना है. यह टनल 1,700 मीटर लंबी, 37 मीटर ऊंची और 26.5 मीटर चौड़ी बनाई जायेगी.

मुख्य विशेषताएं👇🇮🇳

• नॉर्वे को यह उम्मीद है कि, इस शिप टनल के निर्माण कार्य की लागत 315 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकती है.
• इस महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तर-पश्चिमी नॉर्वे में अशांत और ख़तरनाक स्ट्राडविच सागर के माध्यम से जहाजों को नेविगेट करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
• वर्तमान में, इस क्षेत्र को पार करने से पहले जहाजों को खराब मौसम की स्थिति में सुधार के लिए और स्टैडहेट सागर में ज्वार में कमी आने तक कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है.
• नार्वे के तटीय प्रशासन के अनुसार, यह निर्माण कार्य वर्ष, 2022 में शुरू होने की उम्मीद है और इस सुरंग के निर्माण में लगभग 3-4 साल लगेंगे.
• वर्तमान समय में इस क्षेत्र को पार करने से पहले आमतौर स्टैडहेट सागर को पार करने वाले जहाजों को ख़राब मौसम की स्थिति में सुधार आने तक और ज्वार कम होने तक भी कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है. 
• यह स्टैड शिप टनल, स्टैडवेट प्रायद्वीप के सबसे संकीर्ण बिंदु से होकर निकलेगी, जो इस परियोजना कार्य को और अधिक महत्त्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि यह टनल वास्तव में इतनी लंबी नहीं होगी.
• भूमिगत ब्लास्टिंग रिग्स और पैलेट रिग्स का उपयोग करके इस सुरंग के निर्माण में पारंपरिक ब्लास्टिंग का इस्तेमाल किया जाएगा.
• इस सुरंग के निर्माण के लिए कुछ इमारतों को हटाने के साथ-साथ लगभग तीन मिलियन क्यूबिक मीटर चट्टान को तोड़कर हटाने की संभावना है.

महत्त्व👇🇮🇳

यह टनल निर्मित होने के बाद, स्टैड शिप टनल इस आकार की दुनिया की पहली पूर्ण पैमाने पर शिप टनल होगी. नॉर्वेजियन कोस्टल एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, जबकि छोटी नौकाओं और बाजारों को संचालित करने के लिए जरुरी अन्य सुरंगें हैं, लेकिन बड़े जहाजों की सेवा के लिए दुनिया में कोई अंडरपास नहीं है.
2024/09/28 10:18:52
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