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*लव जिहाद : बंगाल के मुल्ला ने लिव-इन पार्टनर का गला घोंट कर मार डाला, मिला क्षत-विक्षत शव : ‘रवींद्र रेड्डी’ बनकर पालघर में लिया था कमरा*

महाराष्ट्र के पालघर जिले में 22 वर्षीया युवती की हत्या उसके लिव-इन पार्टनर मिनाज़ुद्दीन अब्दुल अजीज मुल्ला ने कर दी। पुलिस ने उसे पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। लड़की मुल्ला के साथ लिव इन में रह रही थी और उस पर शादी का दबाव बनाने लगी थी। इससे मुल्ला परेशान होकर गला दबाकर उसकी हत्या करने के बाद शव को फेंक दिया था। जाँच के दौरान पता चला कि लड़की के साथ 26 वर्षीय मिनाजुद्दीन अब्दुल अजीज मुल्ला ने रवींद्र रेड्डी के नाम से किराए पर कमरा ले रखा था और मृतक को अपनी पत्नी बताया था।
पुलिस ने शुक्रवार (29 मार्च 2024) को बताया, 15 मार्च 2024 को पालघर जिले के दहानू शहर में किराए के एक कमरे में लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला था। पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा, “अनीशा बरस्ता खातून नाम की लड़की का शव 15 मार्च को दहानू के एक चॉल में स्थित एक कमरे में मिला था। इसमें वह अपने लिव-इन पार्टनर के साथ रहती थी।”
सात दिनों के लगातार प्रयासों के बाद टीम ने 22 मार्च 2024 की सुबह मुल्ला को पकड़ कर उसे पालघर की अदालत में भेज दिया गया, जहाँ उसे 2 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/muslim-man-kills-live-in-partner-for-insisting-to-marry-him-in-maharashtra-palghar-held-from-west-bengal/
*पाकिस्तानियों ने लगाया ‘भारत ज़िंदाबाद’ का नारा: भारत ने समुद्री लुटेरों से 23 पाकिस्तानी नागरिकों को बचाया, अरब सागर में ‘सुमेधा’ और ‘त्रिशूल’ ने दिखाया दबदबा*

शुक्रवार (29 मार्च, 2024) को अरब सागर में भारतीय नौसेना ने एक हाईजैक पाकिस्तानी जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया है, जिसके बाद बचाए गए पाकिस्तानियों ने धन्यवाद स्वरूप ‘भारत ज़िंदाबाद’ के नारे भी लगाए। इस जहाज में 23 पाकिस्तानी नागरिक सवार थे। उक्त जहाज का नाम ‘FV AI खाम्बर’ है।
इसके साथ ही भारतीय नौसेना ने जहाज को हाइजैक करने वाले 9 हथियारबंद समुद्री लुटेरों को भी गिरफ्तार कर भारत लाया गया है, जहाँ उनके विरुद्ध ‘मैरीटाइम एंटी-पायरेसी एक्ट 2022’ के अन्तर्गत कार्रवाई की तैयारी की जाएगी।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/reports/international/india-saves-pakistani-vessel-9-sea-pirates-arrested-ins-trishul-sumedha-bharat-zindabad-slogans/
*600 वर्ष पश्चात् होगा मार्तण्ड सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार, जम्मू कश्मीर सरकार ने बुलाई बड़ी बैठक : सिकंदर शाह मीरी ने तोड़ा था, बॉलीवुड ने बताया ‘शैतान की गुफा’*

सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को जम्मू के सिविल सेक्रेटेरिएट स्थित अपने चैंबर में प्रधान सचिव ने एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें अनंतनाग, जम्मू कश्मीर स्थित प्राचीन मार्तण्ड सूर्य मंदिर के जीर्णोद्धार पर भी निर्णय लिया जाएगा। जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा जारी की गई एक आधिकारिक अधिसूचना में लिखा है, “संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें कश्मीर के प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार/संरक्षण/सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी।”

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/miscellaneous/dharma-culture/jammu-kashmir-govt-calls-meeting-for-restoration-of-martand-sun-temple-of-anantnag-lalitaditya-mukhopadhyay-sikandar-miri/
*हथियार ट्रेनिंग देने का कर रहे थे काम… ED ने 3 PFI आतंकियों को किया गिरफ्तार, प्रतिबंधित संगठनों से भी लेते थे धन*

प्रवर्तन निदेशालय ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI/पीएफआई) के तीन आतंकियों (अब्दुल खादर पुत्तूर, अंशद बदरुद्दीन और फिरोज) को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत गिरफ्तार किया है। ये तीनों पीएफआई के लिए फिजिकल ट्रेनर के तौर पर काम कर रहे थे।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/reports/national-security/3-pfi-terrorist-arrested-by-ed-in-money-laundering-case
*आत्मबोध🕉️🦁*

*श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय*

*दिवस :२९५/३५० (295/350)*

*।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।*

*सप्तदशऽध्याय : श्रद्धात्रयविभागयोग*

*अध्याय १७ श्लोक ०२ (17:02)*
*श्रीभगवानुवाच—*
*त्रिविधा भवति श्रद्धा देहिनां सा स्वभावजा।*
*सात्विकी राजसी चैव तामसी चेति तां शृणु॥*

*शब्दार्थ—*
(देहिनाम्) मनुष्योंकी (सा) वह (स्वभावजा) स्वभावसे उत्पन्न (श्रद्धा) श्रद्धा (सात्त्विकी) सात्विकी (च) और (राजसी) राजसी (च) तथा (तामसी) तामसी (इति) ऐसे (त्रिविधा) तीनों प्रकारकी (एव) ही (भवति) होती है। (ताम्) उस अज्ञान अंधकार रूप जंजाल को (श्रृणु) सुन।

*अनुवाद—*
श्री भगवान्‌ बोले- मनुष्यों की वह शास्त्रीय संस्कारों से रहित केवल स्वभाव से उत्पन्न श्रद्धा (अनन्त जन्मों में किए हुए कर्मों के सञ्चित संस्कार से उत्पन्न हुई श्रद्धा ''स्वभावजा'' श्रद्धा कही जाती है।) सात्त्विकी और राजसी तथा तामसी- ऐसे तीनों प्रकार की ही होती है। उसको तू मुझसे सुन।

*अध्याय १७ श्लोक ०३ (17:03)*
*सत्वानुरूपा सर्वस्य श्रद्धा भवति भारत।*
*श्रद्धामयोऽयं पुरुषो यो यच्छ्रद्ध: स एव स:॥*

*शब्दार्थ—*
(भारत्) हे भारत!(सर्वस्य) सभी की (श्रद्धा) श्रद्धा (सत्त्वानुरूपा) उनके अन्तःकरणके अनुरूप (भवति) होती है। (अयम्) यह (पुरुषः) व्यक्ति (श्रद्धामयः) श्रद्धामय है इसलिये (यः) जो पुरुष (यच्छ्रद्धः) जैसी श्रद्धावाला है, (सः) वह स्वयं (एव) वास्तव में (सः) वही है।

*अनुवाद—*
हे भारत! सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके अन्तःकरण के अनुरूप होती है। यह पुरुष श्रद्धामय है, इसलिए जो पुरुष जैसी श्रद्धावाला है, वह स्वयं भी वही है।

शेष क्रमश: कल

*अधिकांश हिन्दू तथाकथित व्यस्तता व तथाकथित समयाभाव के कारण हम सभी सनातनियों के लिए आदरणीय पठनीय एवं अनुकरणीय श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करना छोड़ चुके हैं, इसलिए प्रतिदिन गीता जी के दो श्लोकों को उनके हिन्दी अर्थ सहित भेजकर लगभग एक वर्ष के अन्तराल  (350 दिन × 2 श्लोक/दिन = 700 श्लोक) में एक बार समूह से हजारों हिन्दुओं को सम्पूर्ण गीताजी का स्वाध्याय कराने का प्रण लिया गया है। आप सभी भी ये दो श्लोक प्रतिदिन पढ़ने व पढ़वाने का संकल्प लें।*

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*दैनिक वेद मन्त्र स्वाध्याय : वेद में ईश्वरीय स्वरूप*

*स पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविरँ शुद्धमपापविद्धम् । कविर्मनीषी परिभूः स्वयम्भूर्याथातथ्यतोर्थान्व्यदधाच्छाश्वतीभ्यः समाभ्यः॥*

*(यजुर्वेद - अध्याय ४०, मन्त्र ८)*

*मन्त्रार्थ—*
हे मनुष्यो! जो ब्रह्म (शुक्रम्) शीघ्रकारी सर्वशक्तिमान् (अकायम्) स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीररहित (अव्रणम्) छिद्ररहित और नहीं छेद करने योग्य (अस्नाविरम्) नाड़ी आदि के साथ सम्बन्धरूप बन्धन से रहित (शुद्धम्) अविद्यादि दोषों से रहित होने से सदा पवित्र और (अपापविद्धम्) जो पापयुक्त, पापकारी और पाप में प्रीति करनेवाला कभी नहीं होता (परि, अगात्) सब ओर से व्याप्त जो (कविः) सर्वत्र (मनीषी) सब जीवों के मनों की वृत्तियों को जाननेवाला (परिभूः) दुष्ट पापियों का तिरस्कार करनेवाला और (स्वयम्भूः) अनादि स्वरूप जिसकी संयोग से उत्पत्ति, वियोग से विनाश, माता, पिता, गर्भवास, जन्म, वृद्धि और मरण नहीं होते, वह परमात्मा (शाश्वतीभ्यः) सनातन अनादिस्वरूप अपने-अपने स्वरूप से उत्पत्ति और विनाशरहित (समाभ्यः) प्रजाओं के लिये (याथातथ्यतः) यथार्थ भाव से (अर्थान्) वेद द्वारा सब पदार्थों को (व्यदधात्) विशेष कर बनाता है, (सः) वही परमेश्वर तुम लोगों को उपासना करने के योग्य है।

*व्याख्या—*
हे मनुष्यो! जो अनन्त शक्तियुक्त, अजन्मा, निरन्तर, सदा मुक्त, न्यायकारी, निर्मल, सर्वज्ञ, सबका साक्षी, नियन्ता, अनादिस्वरूप ब्रह्म कल्प के आरम्भ में जीवों को अपने कहे वेदों से शब्द, अर्थ और उनके सम्बन्ध को जनानेवाली विद्या का उपदेश न करे तो कोई विद्वान् न होवे और न धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के फलों के भोगने को समर्थ हो, इसलिये इसी ब्रह्म की सदैव उपासना करो।

*हिन्दू एकता संघ द्वारा सनातन धर्म के मूल ग्रन्थ वेदों के कल्याणकारी मन्त्रों के प्रचार हेतु बनाए गए नए इंस्टाग्राम पेज @vedicdarshan से जुड़ें 👇🏻🕉️*

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*उत्सव में डूबी लाखों हिन्दुओं की भीड़, लेकिन क्षण भर में एम्बुलेंस के लिए बना दिया रास्ता : इंदौर की ‘गेर’ में हिस्सा लेने वाले पहले CM बने मोहन यादव, रंगों का गुब्बार-पानी की बौछार*

मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार (30 मार्च, 2024) को रंगपंचमी हेतु लाखों की संख्या में हिन्दुओं की भीड़ जुटी और उत्सव मनाया गया। राजवाड़ा, जिसे इंदौर के हृदयस्थल भी कहा जाता है, वहाँ कुम्भ मेले जैसा वातावरण रहा। रंगपंचमी पर वहाँ फाग यात्रा व गेर निकाली जाती है। रंगों के गुब्बार और पानी की बौछारों के बीच भी उत्सव में डूबी लाखों हिन्दुओं की भीड़ ने एम्बुलेंस को रास्ता दिया और अपनी सहृदयता का परिचय दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। इसके बाद लोग हिन्दुओं, विशेष रूप से इंदौर के हिन्दुओं की अत्यन्त प्रशंसा कर रहे हैं। इस उत्सव में सीएम ने भी प्रतिभाग करके जनता को संबोधित किया।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/lakhs-of-hindus-give-way-to-ambulance-in-ger-yatra-of-indore-cm-mohan-yadav-participates-madhya-pradesh-mp-video/
*रमजान के महीने में हलीम को लेकर फिर भिड़े रोजाधारी, मारपीट की वीडियो आई सामने : 1 महीने में हैदराबाद से दूसरा मामला*

रमजान के महीने में हैदराबाद के मुर्शिदाबाद में एक बार फिर हलीम के लिए हंगामा हुआ है। सड़क पर एकत्र भीड़ के मध्य कुछ लोगों के लड़ाई करने का वीडियो वायरल हुआ है। कथिततौर पर हलीम लेने के बाद ग्राहक ने पैसे नहीं चुकाए इसलिए रेस्टोरेंट मालिक भड़क गया। वहीं ग्राहक का कहना था कि वो पैसे दे चुका है। वीडियो में चलती सड़क पर कुछ टोपी पहने लोगों को एक दूसरे को मारते देखा जा सकता है। रमजान के महीने में हैदराबाद से आई ये दूसरी घटना है जहाँ हलीम के लिए मारा-मारी देखी गई। इससे पहले मालकपेट शहर में एक होटल के बाहर बुरी तरह भीड़ हलीम के लिए लड़ाई लड़ते देखी गई थी।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/reports/international/india-saves-pakistani-vessel-9-sea-pirates-arrested-ins-trishul-sumedha-bharat-zindabad-slogans/https://hindi.opindia.com/miscellaneous/others/hyderabad-brawl-breaks-out-over-haleem/
*इतिहासबोध* 🦁🚩

*जन्म जयन्ती : सनातन धर्म रक्षक नवम सिख गुरु तेग बहादुर जी*

*सिख पंथ के नौवे गुरु, धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले गुरु तेग बहादुर जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन 🚩*

*♦️एक बार सिखों के नवें गुरु श्री तेगबहादुर जी हर दिन की तरह दूर-दूर से आये भक्तों से मिल रहे थे। लोग उन्हें अपनी निजी समस्याएँ तो बताते ही थे; पर मुस्लिम अत्याचारों की चर्चा सबसे अधिक होती थी। मुस्लिम आक्रमणकारी हिन्दू गाँवों को जलाकर मन्दिरों और गुरुद्वारों को भ्रष्ट कर रहे थे। नारियों का अपमान और जबरन धर्मान्तरण उनके लिए सामान्य बात थी। गुरुजी सबको संगठित होकर इनका मुकाबला करने का परामर्श देते थे।*

*🔶 पर उस दिन का माहौल कुछ अधिक ही गम्भीर था। कश्मीर से आये हिन्दुओं ने उनके दरबार में दस्तक दी थी। वहाँ जो अत्याचार हो रहे थे, उसे सुनकर गुरु जी की आँखें भी नम हो गयीं। उन्होंने सारी बात सुनकर कहा,"लगता है कि अब किसी महापुरुष को धर्म के लिए बलिदान देना पड़ेगा।"*

*♦️उनके पुत्र गोविन्दराय(गुरु गोविन्द सिंह)ने एक क्षण का विलम्ब किये बिना कहा - पिताजी, आज आपसे बड़ा महापुरुष कौन है ? बस, यह सुनते ही गुरु जी के मनःचक्षु खुल गये। उन्होंने गोविन्द को प्यार से गोद में उठा लिया। अगले दिन उन्होंने कश्मीरी हिन्दुओं को कह दिया कि औरंगजेब को बता दो कि यदि वह गुरु तेगबहादुर को मुसलमान बना ले, तो हम सब भी इस्लाम स्वीकार कर लेंगे।*

*🔶 कश्मीरी हिन्दुओं से यह उत्तर पाकर औरंगजेब प्रसन्न हो गया। उसे लगा कि यदि एक व्यक्ति के मुसलमान बनने से हजारों लोग स्वयं ही उसके पाले में आ जायेंगे, तो इससे अच्छा क्या होगा ? उसने दो सरदारों को गुरुजी को पकड़ लाने को कहा। गुरुजी अपने पाँच शिष्यों भाई मतिदास, भाई सतिदास, भाई दयाला, भाई चीमा और भाई ऊदा के साथ दिल्ली चल दिये।*

*♦️मार्ग में सब जगह हिन्दुओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस पर औरंगजेब ने उन्हें गिरफ्तार करा लिया। दिल्ली आकर गुरुजी ने औरंगजेब को सब धर्मावलम्बियों से समान व्यवहार करने को कहा; पर वह कहाँ मानने वाला था।*

*🔶 उसने कोई चमत्कार दिखाने को कहा; पर गुरुजी ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस पर उन्हें और उनके शिष्यों को शारीरिक तथा मानसिक रूप से खूब प्रताड़ित किया गया; पर वे सब तो आत्मबलिदान की तैयारी से आये थे। अतः औरंगजेब की उन्हें मुसलमान बनाने की चाल विफल हो गयी।*

*♦️सबसे पहले नौ नवम्बर को भाई मतिदास को आरे से दो भागों में चीर दिया गया। अगले दिन भाई सतिदास को रुई में लपेटकर जलाया गया। भाई दयाला को पानी में उबालकर मारा गया। गुरुजी की आँखों के सामने यह सब हुआ; पर वे विचलित नहीं हुए। अन्ततः 11 नवम्बर, 1675 को दिल्ली के चाँदनी चौक में गुरुजी का भी शीश काट दिया गया। जहाँ उनका बलिदान हुआ, वहाँ आज गुरुद्वारा शीशगंज विद्यमान है।*

*🔶 औरंगजेब हिन्दू जनता में आतंक फैलाना चाहता था; पर गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान से हिन्दुओं में भारी जागृति आयी। उनके बारे में कहा गया कि*
*धरम हेत साका जिनि कीआ*
*सीस दीआ पर सिरड न दीआ।*

*🔊आगे चलकर उनके पुत्र दशम गुरु गोविन्दसिंह जी ने हिन्दू धर्म की रक्षार्थ खालसा पन्थ की स्थापना की।*
*इतिहासबोध* 🦁🚩

*सनातन धर्म रक्षक, वीर सावरकर जी की हिंदुत्व की विचारधारा से प्रभावित जाती व्यवस्था समाप्त कर, मत-पंत-संप्रदाय का भेद भुला धर्म एवं राष्ट्र के अस्तित्व की रक्षा हेतु हिन्दुओं को इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध एकजुट करने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना करने वाले डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन🚩🙏🏻*
*आत्मबोध🕉️🦁*

*श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय*

*दिवस :२९६/३५० (296/350)*

*।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।*

*सप्तदशऽध्याय : श्रद्धात्रयविभागयोग*

*अध्याय १७ श्लोक ०४ (17:04)*
*यजन्ते सात्विका देवान्यक्षरक्षांसि राजसा:।*
*प्रेतान्भूतगणांश्चान्ये यजन्ते तामसा जना:॥*

*शब्दार्थ—*
(सात्त्विकाः) सात्विक पुरुष (देवान्) देवताओं को (यजन्ते) पूजते हैं, (राजसाः) राजस पुरुष (यक्षरक्षांसि) यक्ष और राक्षसोंको तथा (अन्ये) अन्य जो (तामसाः) तामस (जनाः) मनुष्य हैं वे (प्रेतान्) प्रेत (च) और (भूतगणान्) भूतगणोंको (यजन्ते) पूजते हैं।

*अनुवाद—*
सात्त्विक पुरुष देवों को पूजते हैं, राजस पुरुष यक्ष और राक्षसों को तथा अन्य जो तामस मनुष्य हैं, वे प्रेत और भूतगणों को पूजते हैं।

*अध्याय १७ श्लोक ०५ (17:05)*
*अशास्त्रविहितं घोरं तप्यन्ते ये तपो जना:।*
*दम्भाहङ्कारसंयुक्ता: कामरागबलान्विता:॥*

*शब्दार्थ—*
(ये) जो (जनाः) मनुष्य (अशास्त्राविहितम्) शास्त्राविधिसे रहित केवल मन माना (घोरम्) घोर (तपः) तपको (तप्यन्ते) तपते हैं तथा (दम्भाहंकारसंयुक्ताः) पाखण्ड और अहंकारसे युक्त एवं (कामरागबलान्विताः) कामना के आसक्ति और भक्ति बलके अभिमानसे भी युक्त हैं।

*अनुवाद—*
जो मनुष्य शास्त्र विधि से रहित केवल मनःकल्पित घोर तप को तपते हैं, दम्भ और अहंकार से युक्त एवं कामना, आसक्ति और बल के अभिमान से भी युक्त हैं।

शेष क्रमश: कल

*अधिकांश हिन्दू तथाकथित व्यस्तता व तथाकथित समयाभाव के कारण हम सभी सनातनियों के लिए आदरणीय पठनीय एवं अनुकरणीय श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करना छोड़ चुके हैं, इसलिए प्रतिदिन गीता जी के दो श्लोकों को उनके हिन्दी अर्थ सहित भेजकर लगभग एक वर्ष के अन्तराल  (350 दिन × 2 श्लोक/दिन = 700 श्लोक) में एक बार समूह से हजारों हिन्दुओं को सम्पूर्ण गीताजी का स्वाध्याय कराने का प्रण लिया गया है। आप सभी भी ये दो श्लोक प्रतिदिन पढ़ने व पढ़वाने का संकल्प लें।*

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*दैनिक वेद मन्त्र स्वाध्याय : वेद में सभी यज्ञों का निष्पादक परमात्मा के ही होने का वर्णन*

*त्वमग्ने यज्ञानाꣳ होता विश्वेषाꣳ हितः। देवेभिर्मानुषे जने॥*

*( सामवेद - मन्त्र संख्या : २ (2) )*

*मन्त्रार्थ—*
हे (अग्ने) परमात्मन् ! (त्वम्) आप (विश्वेषाम्) सब (यज्ञानाम्) उपासकों से किये जानेवाले ध्यानरूप यज्ञों के (होता) निष्पादक ऋत्विज् हो, अतः (देवेभिः) विद्वानों के द्वारा (मानुषे) मनुष्यों के (जने) लोक में (हितः) स्थापित अर्थात् प्रचारित किये जाते हो ॥२॥ इस मन्त्र की श्लेष द्वारा सूर्य-पक्ष में भी अर्थ-योजना करनी चाहिए। तब परमात्मा सूर्य के समान है, यह उपमा ध्वनित होगी।

*व्याख्या—*
जैसे सूर्य सौर-लोक में सब अहोरात्र, पक्ष, मास, ऋतु, दक्षिणायन, उत्तरायण, वर्ष आदि यज्ञों का निष्पादक(विशेष रूप से ) है, वैसे ही परमात्मा अध्यात्ममार्ग का अवलम्बन करनेवाले जनों से किये जाते हुए सब आन्तरिक यज्ञों को निष्पन्न करके उन योगी जनों को कृतार्थ करता है और जैसे सूर्य अपनी प्रकाशक किरणों से मनुष्य-लोक में अर्थात् पृथिवी पर निहित होता है, वैसे ही परमात्मा विद्वानों से मनुष्य-लोक में प्रचारित किया जाता है।

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*‘रात साथ में गुजारो, पास कर दूँगा’ : विश्व भारती का गेस्ट प्रोफेसर अब्दुल्ला छात्राओं को भेजता था गंदे मैसेज, FIR दर्ज*

कोलकाता की विश्व भारती यूनिवर्सिटी की तीन छात्राओं ने एक गेस्ट प्रोफेसर अब्दुल्ला मोल्लाह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि प्रोफेसर ने सेमेस्टर परीक्षा में पास करने के बदले में उनसे यौन संबंध बनाने को बोला।
ये छात्राएँ फारसी, उर्दू और इस्लामिक स्टडीज के डिपार्टमेंट की हैं। इनका कहना है कि गेस्ट टीचर ने इन्हें व्यक्तिगत रूप से अश्लील संदेश भेजे और कई बार उन्हें अनुचित तरीके से छुआ।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/visva-bharati-students-sexual-harassment-charge-against-professor-abdullah-mollah/
*आत्मबोध🕉️🦁*

*श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय*

*दिवस :२९७/३५० (297/350)*

*।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।*

*सप्तदशऽध्याय : श्रद्धात्रयविभागयोग*

*अध्याय १७ श्लोक ०६ (17:06)*
*कर्षयन्त: शरीरस्थं भूतग्राममचेतस:।*
*मां चैवान्त:शरीरस्थं तान्विद्ध्यासुरनिश्चयान्॥*

*शब्दार्थ—*
(शरीरस्थम्) शरीर में रहने वाले (भूतग्रामम्) पाँच भूतोंको अर्थात् पाञ्चभौतिक शरीरको (माम्) मुझे (च) तथा (एव)इसी प्रकार (अन्तःशरीरस्थम्) तथा अन्तःकरणमें स्थित मुझ परमात्माको भी (कर्शयन्तः) कृष/तंग करने वाले (तान्) उनको (अचेतसः) अज्ञानियोंको (आसुरनिश्चयान्) राक्षसस्वभाववाले (एव) ही (विद्धि) जान।

*अनुवाद—*
(तपश्चर्या भी विवेकपूर्ण होनी चाहिए इसलिए धर्मशास्त्रों के विधानों के विरुद्ध उनका आचरण नहीं करना चाहिए। कुछ लोग केवल प्रदर्शन के लिए तप करते हैं। दम्भ और अहंकार से युक्त लोग वास्तविक तप के अधिकारी नहीं होते हैं। उसी प्रकार जिन लोगों के मन में विषयों की कामना और आसक्ति दृढ़ होती है? वे भी मानसिक रूप से तपश्चर्या के योग्य नहीं होते।) ऐसे अज्ञानी लोग शरीर रूप से स्थित भूत समुदाय को और अन्तःकरण में स्थित मुझ परमात्मा को भी कृश करने वाले हैं (शास्त्र से विरुद्ध उपवासादि घोर तपों द्वारा शरीर को कष्ट देना एवं भगवान्‌ के अंशस्वरूप जीवात्मा को क्लेश देना, भूत समुदाय को और अन्तर्यामी परमात्मा को ''कृश करना'' है।), उन अज्ञानियों को तुम आसुर स्वभाव वाले जानो।

*अध्याय १७ श्लोक ०७ (17:07)*
*आहारस्त्वपि सर्वस्य त्रिविधो भवति प्रिय:।*
*यज्ञस्तपस्तथा दानं तेषां भेदमिमं शृणु॥*

*शब्दार्थ—*
(आहारः) भोजन (अपि) भी (सर्वस्य) सबको अपनी अपनी प्रकृृतिके अनुसार (त्रिविधः) तीन प्रकारका (प्रियः) प्रिय (भवति) होता है (तु) इसलिए (तथा) वैसे ही (यज्ञः) यज्ञ (तपः) तप और (दानम्) दान भी तीन-तीन प्रकारके होते हैं (तेषाम्) उनके (इमम्) इस (भेदम्) भेदको तुम मुझसे (श्रृणु) सुनो।

*अनुवाद—*
भोजन भी सबको अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार तीन प्रकार का प्रिय होता है। और वैसे ही यज्ञ, तप और दान भी तीन-तीन प्रकार के होते हैं। उनके इस पृथक्‌-पृथक्‌ भेद को तुम मुझ से सुनो।

शेष क्रमश: कल

*अधिकांश हिन्दू तथाकथित व्यस्तता व तथाकथित समयाभाव के कारण हम सभी सनातनियों के लिए आदरणीय पठनीय एवं अनुकरणीय श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करना छोड़ चुके हैं, इसलिए प्रतिदिन गीता जी के दो श्लोकों को उनके हिन्दी अर्थ सहित भेजकर लगभग एक वर्ष के अन्तराल  (350 दिन × 2 श्लोक/दिन = 700 श्लोक) में एक बार समूह से हजारों हिन्दुओं को सम्पूर्ण गीताजी का स्वाध्याय कराने का प्रण लिया गया है। आप सभी भी ये दो श्लोक प्रतिदिन पढ़ने व पढ़वाने का संकल्प लें।*

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*दैनिक वेद मन्त्र स्वाध्याय : वेद में विद्या के गुणों का उपदेश*

*देवा इमं मधुना संयुतं यवं सरस्वत्यामधि मणावचर्कृषुः। इन्द्र आसीत्सीरपतिः शतक्रतुः कीनाशा आसन्मरुतः सुदानवः॥*

*(अथर्ववेद - काण्ड 6; सूक्त 30; मन्त्र 1 )*

*मन्त्रार्थ—*
(देवाः) विद्वान् लोगों ने (मधुना) मधुर रस वा ज्ञान से (संयुतम्) मिले हुए (इमम्) इस (यवम्) यव अन्न को (सरस्वत्याम् अधि) विज्ञान से युक्त वेदविद्या को अधिष्ठात्री मानकर (मणौ) उसके श्रेष्ठपन में (अचर्कृषुः) बार-बार जीता। (शतक्रतुः) सैकड़ों कर्म वा बुद्धिवाला (इन्द्रः) परम ऐश्वर्यवान् आचार्य (सीरपतिः) हल का स्वामी (आसीत्) था और (सुदानवः) बड़े दानी (मरुतः) विद्वान् पुरुष (कीनाशाः) परिश्रमी किसान (आसन्) थे ।

*व्याख्या—*
ब्रह्मवादी लोग आचार्य के उपदेश से वेदविद्या को प्रधान मान कर उसकी उत्तमता को खोज कर ऐसा आनन्द पाते हैं, जैसे किसान लोग अपने स्वामी की आज्ञा से विधिपूर्वक खेत में बीज बोकर अन्न प्राप्त करके प्रसन्न होते हैं।

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*इतिहासबोध* 🚩🦁
*पुण्यतिथि : हिन्दू स्वराज्य के प्रणेता एवं संस्थापक वीर शिरोमणि श्री श्री छत्रपति शिवाजी राजे भोंसले*

छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल, 1680 को 50 वर्ष की आयु में रायगढ़ दुर्ग में हनुमान जन्मोत्सव(चैत्र पूर्णिमा) के दिन अस्वस्थता के कारण हुई थी। उनके साथ उनकी चौथी पत्नी महारानी पुतलाबाई भी सती हो गईं। एक महान् शासक, एक महान् राजा, मराठा साम्राज्य के संस्थापक, हिन्दू स्वराज्य के सपने देखने वाले, एक शक्तिशाली, निष्ठावान, पराक्रमी व्यक्ति, जिन्होंने अपने अतुलनीय कौशल से इतिहास रचा, छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम सुनहरे अक्षरों में सदैव के लिए लोगों के हृदयों में अंकित है। हिन्दवी स्वराज के संस्थापक वीर शिरोमणि #छत्रपती_शिवाजी_महाराज की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन।🙏🏼🙏🏼🙏🏼
#ShivajiMaharaj
*मथुरा में पुलिस और गौरक्षकों ने तस्करों से बचाए 24 गोवंश, एक दिन पहले ही मुठभेड़ में पुलिस ने हनीफ-इरशाद और जाहिद को पकड़ा था*

हिंदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र मथुरा में भी गौ तस्कर अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वे लगातार पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। शुक्रवार (29 मार्च 2024) की देर रात करीब गौ रक्षकों ने पुलिस के सहयोग से 24 गोवंशों को बचाया है। इसके ठीक एक दिन पहले मथुरा पुलिस ने एनकाउंटर करके तीन गो तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनके पैरों में गोली लगी थी।

स्रोत :
https://hindi.opindia.com/national/in-mathura-police-and-cow-protectors-have-caught-a-container-truck-filled-with-24-cows/
2024/09/28 17:25:05
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