Telegram Web Link
गुजरे हुए दिनों की याद न दिलाए कोई,
ज़ख्मों को जब हवा लगती है तो दर्द होता है..
🖤अल्फाज💖 pinned «गुजरे हुए दिनों की याद न दिलाए कोई, ज़ख्मों को जब हवा लगती है तो दर्द होता है..»
बिना मतलब के बाद करे मुझसे
ऐसे शख्स की तलाश है मुझे...!!
मैं लोगों को ये यक़ीन दिलाने में नाकाम रहा की वो मेरे लिए कितने ख़ास हैं, हालाकि मैंने उनका दिल रखने के लिए वो तक किया जो मेरे बस में था भी नहीं!!😔
कुछ अच्छा नहीं चल रहा समय का चक्र

हमारा एक गहरी अशांति है हमारे भीतर।।
पार्वती शिव का आधा अंग है
इसलिए इन दोनों का प्यारा संग है..!!
शिवप्रेमी❣️🙏
मुझको मेरे इश्क़ का इनाम दिया गया है,

हर रात यादों में जागने का नया काम दिया गया है ।
अब लगता है शायद तुम मेरे प्रेम में थी ही नहीं कभी, सब मेरी कल्पना मात्र था.. एक ऐसी कल्पना जिसको बुन कर मैं अब भी जी रहा हूं उसे ही वास्तविकता मानकर...!!! 😒
हाल ये है की सिर्फ रोया जाए
मलाल ये है की आखिरकार किसके लिए 😭
कैसे आएगी नींद रात मे मुझे
कुसूर भी तो मेरा है ।
आदत जो डाली थी रात मे बात करने की
तुझसे
💔
सुख  चैन किसी  नाम जो कर आये हो,
मतलब उसकी गली से हो कर आये हो।
इतनी  नासमझी  सिर्फ  जिस्म के लिए,
कीचड़ के लिए कमल खो कर आये हो।
हमारी  बाहों में  आखिर कमी क्या थी,
उसके   बिस्तर   पर  सो  कर  आये हो।
नए  करने  में  इतनी  भी  जल्दी कैसी,
क्या  तुम पुराने  पाप  धो कर आये हो,
बेवफ़ाई में सांस लेना भी नही हो रहा,
सांस में जख्मों को पिरो  कर आये हो!!
#sad
अनंत अखंड अमर अविनाशी,
कष्ट हरण है शंभु कैलाशी..🔱
सोच रहा हूं दिल ❤️पर भी गोरिल्ला ग्लास लगवा लूं,
अगर टूटेगा तो ग्लास टूटेगा दिल नहीं ।

💔💔
#broken
देखना, अच्छा लगना, चाहना और पाना

यह चार बहुत आसान सीढियां हैं ,

सबसे मुश्किल पाँचवी सीढी है--

निभाना
भाड़ में जाये 🌹रोज डे, 😐
🤗 प्रोपोज डे,
🍫 चॉकलेट डे,
वैलेंटाइन डे! 😏
अपना तो सिंपल सा फंडा हैं😒😒
खान दे, पीन दे, और सोन दे। 🤣🤣
चलो इश्क़ में कुछ यूँ अंदाज़ अपनाते हैं तुम
आँखें बंद करो हम तुम्हें सीने से लगाते हैं !!❤️🥀
रात्रि विशेष
आप सभी मेंबर्स के लिए एक संदेश

हमारी मुस्कान के चंद कारणों में से तुम भी एक कारण हो....अन्यथा जीवन में संघर्ष, अवसाद और उत्तरदायित्वों ने हंसना ही भुला दिया है...!!!
मैंने कहा-? कल का प्लान क्या है-?
उसने कहा-? कॉफ़ी, डिनर और घूमी-घूमी😍
चलें इन बेग़ैरतों की भी ख़ैरियत पूछ ली जाए
बची है क्या अभी तक शराफ़त पूछ ली जाए

दिल साफ था दरिया का,क्यों ग़र्क़ हुई कश्ती
यह किसकी रही होगी हिमाक़त पूछ ली जाए

सयानों में हौसल कहाँ जो सच की जुबां बोले
शायद हो यह बच्चे की शरारत पूछ ली जाए

औकात अगर होगी तो खरीद लेंगे कोई दिन
कितने में बिक रही है सियासत पूछ ली जाए

मारा जाएगा किसी दिन क़ातिलों के शहर में
क्यों लेकर आ गया है सदाकत पूछ ली जाए

जी तो करता है गले मिल लें इन लोगों से हम
अब तक बची रिश्ते में लताफ़त पूछ ली जाए
प्रेम प्यार मोहब्बत

तुम प्रेम तो चाहते हो लेकिन कभी अपने को प्रेम के योग्य नहीं बनाते, इसलिए तुम्हारा जीवन बिना प्रेम के रूखा-रूखा ही समाप्त हो जाता है। तुम चाहते तो हो प्रेम, तुम चाहते तो हो अमृत बरसे, लेकिन तुम्हारा पात्र अमृत को सम्हालने के योग्य नहीं। तुम चाहते तो विराट को हो, लेकिन तुम्हारे हृदय में जगह क्षुद्र के लिए भी नहीं है। तुम बुलाते तो परमात्मा को हो, लेकिन घर तुमने तैयार नहीं किया। साधारण मेहमान के लिए भी तुम्हारे घर की तैयारी नहीं है। परमात्मा को बुलाया है, तो घर को उस महा-अतिथि के लिए तैयार करना होगा। जो तुम चाहते हो, उसको चाहने के पहले अपने को तैयार कर लेना। अन्यथा तुम चाहते रहोगे, रोते रहोगे और जिंदगी प्रेम बिना सूखी बीत जायेगी, कुछ हाथ न लगेगा।

~~~~~~ ~~~~~~

*******
2024/09/28 14:15:07
Back to Top
HTML Embed Code: