मैं क्यों कहु उससे की मुझे तुम्हारी
जरूरत है क्या उसे पता नही परेशान हु मैं।
जरूरत है क्या उसे पता नही परेशान हु मैं।
मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे,
तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी राह तुझे,
लिख ऐसी कोई चीज कि दुनिया डोल उठे,
या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे।"
—रामधारी सिंह दिनकर
तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी राह तुझे,
लिख ऐसी कोई चीज कि दुनिया डोल उठे,
या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे।"
—रामधारी सिंह दिनकर
एक तो प्यार हुआ ऊपर से जाती अलग
एक न एक दिन बिछड़ना तो था ही किस्मत में।
एक न एक दिन बिछड़ना तो था ही किस्मत में।
नव वर्ष की पावन बेला में है यही शुभ संदेश। हर दिन आये आपके जीवन में लेकर विशेष।। आप और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 2023🙏