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लहलहाते  खेत नदी गाँव की  प्यारी हवा ,

छोड़ कर बेकार आए हम तुम्हारे शहर में ।।👻🥀💔
अब तेरी मर्जी जिसे चाहे बना ले अपना ,

अब ये पागल तेरे रास्ते मे नही आएगा ।।
महज़ साल नहीं बीता...बीत गए,
"मैं और तुम.
🖤अल्फाज💖 pinned «महज़ साल नहीं बीता...बीत गए, "मैं और तुम.»
श्री कृष्ण कहते हैं ,

प्रेम का अर्थ किसी को पाना नहीं है,
किसी में खो जाना है ....❤️
आज फिर ये पल खूबसूरत हैं
दिल में बसी तेरी सूरत हैं

कुछ भी कहे दुनियाँ हमे
दुनियाँ से ज्यादा मुझे तेरी जरूरत है___!!
बाँसुरी से सीख ले
ए-जिंदगी सबक जीने का

कितने छेद है सीने में
फिर भी गुनगुनाती रहती है___!!
कुछ एहसासों को बयां करने के लिए अल्फ़ाज़ नही मिलते और ना ही बिन कहे कोई अपने समझने वाले।😑
कोई आज तो कोई कल बदलता है
वक्त आने पर हर शख़्स' बदलता है !!
.........@RNGujjar
🖤अल्फाज💖 pinned «कोई आज तो कोई कल बदलता है वक्त आने पर हर शख़्स' बदलता है !! .........@RNGujjar»
सुनो सादगी संस्कृति और अपने संस्कार संभाले रखना,
दुनियाँ बन जाए मॉडर्न तुम अपनी मर्यादा संभाले रखना..❤️🌻
एक दिन हम मर जाएंगे, अपनी अपनी चुप्पियां लेकर ,और हमारा आखिरी ख्याल होगा:"हमें बोलना चाहिए था....!
मुँह में धुँआ आँख में पानी लेकर अपनी रामकहानी बैठा है टूटी खटिया पर ओढ़े हुए लिहाफ़ दिसम्बर
बंदिशों से मुफ़लिस ...और लिहाज़ से नकारा हूं
.
रिश्तों से फ़कीर ...मिजाज़ से शरारा हूं ..

मुझसे मेरे... आशियां का पता मत पूछो दुनियां वालों
.
मैं मज़हब से मुसाफिर ....फ़ितरत से आवारा हूं
सुनो एक बार के लिये ही सही तुम समेट लो मुझे ख़ुद में

महसूस करना है मुझे तुम्हारी देह का ताप
और उस ताप में जल करना है शीतल तुम्हें

रखने दो मुझे अपने सीने पर सर
और सुननें दो मेरे नाम की गूंज उसमें

सुनो एक बार जी लो संग मेरे कुछ लम्हें
अपनी मसरूफ़ ज़िन्दगी के ...!!
अक्सर ही रात और मैं
एक दूसरे का खालीपन निहारते हैं
फिर ऊब कर
मैं उसमें शब्द भरता हूँ
और वो मुझमें आंसू...🖤🖤
जीस दिन सोचते है पूरी बात करेंगे
झगड़ा भी कहता है हम भी आज ही करेंगे 💔
जिनके मतलब पूरे होते गए ..
वो दूर होते गए और हम उनकी नज़र में
बुरे बनते गए...💔
नए दौर में है साहब लेकिन इसका मतलब यें नहीं कि रिश्तों को कपड़ों के तरह बदलते रहें,,,,,
यें नहीं एक रूठे नाराज़गी रहें हम कहीं और रिश्ता निभाएं,,,
उसकी जगह वहीं रहें गी जो पहले थीं
नए दौर के ज़रूर है पर रिश्ते निभाने के मामले में हम पुराने दौर के ही हैं,,,,!!!!
कुछ लोग दिल में वो जगह बना लेते हैं,,,,
या यूं कहें कि हम उन्हें इजाज़त दें देते हैं,,,
फ़िर चाहे उनसे बात हों या न हों,,,
चाहें कितनी भी नाराज़गी हों,,,
फ़िर भी आप ख़ुद से न जुदा कर पाते हैं न ही उनकी जगह किसी और को दें पाते हैं,,,,
ऐसे में ख़ुद को हम असमर्थ समझते हैं,,,
2024/09/29 06:35:04
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