Forwarded from αвσυт αя ѕαякαя
🍁⃝⃪⃜͜ 🅿ʏᴀʀ ᴛʜᴀ˹🍁⃝⃪⃜͜🆃ᴜᴛ ɢᴀʏᴀ 💔
⃪☆☆
⎯⃨⎯˹🍁🅽ᴀsʜᴀ ᴛʜᴀ⎯˹🍁⃝⃪⃜͜ 🍂🖤༎🍁⃝⃪⃜͜🆄ᴛᴀʀ ɢᴀʏᴀ⟶
⃪🍁
⎯⎯🍁🅸ɴsᴀɴ ᴛʜᴀ⎯🍁༏⃪🍃⟶ 🍂🅱ᴀᴅᴀʟ🍃⟶ 🍂🍁⃝⃪⃜͜ɢᴀʏᴀ🍁💔😌
DΩ JΩIΠ 🔥🌈💫
@About_AR
⃪☆☆
⎯⃨⎯˹🍁🅽ᴀsʜᴀ ᴛʜᴀ⎯˹🍁⃝⃪⃜͜ 🍂🖤༎🍁⃝⃪⃜͜🆄ᴛᴀʀ ɢᴀʏᴀ⟶
⃪🍁
⎯⎯🍁🅸ɴsᴀɴ ᴛʜᴀ⎯🍁༏⃪🍃⟶ 🍂🅱ᴀᴅᴀʟ🍃⟶ 🍂🍁⃝⃪⃜͜ɢᴀʏᴀ🍁💔😌
DΩ JΩIΠ 🔥🌈💫
@About_AR
वो मुझको एक झूठा ख्वाब
दिखाकर गई थी
एक लड़की मुझको मेरी औकात
बता कर गई थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
दिखाकर गई थी
एक लड़की मुझको मेरी औकात
बता कर गई थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
मैं पंछी अकेला हो गया हूं खुद ही
पिंजरे में बंद हो गया हूं
मुझे डर है अपनी जान का इसलिए
खुद पिंजरे में कैद गया हूं
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
पिंजरे में बंद हो गया हूं
मुझे डर है अपनी जान का इसलिए
खुद पिंजरे में कैद गया हूं
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
शोक में क्या नशा आज मौत बन आया है
सिगरेट दारू गुटका मैना खुद
अपनी मौत को
गले लगाया है
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
सिगरेट दारू गुटका मैना खुद
अपनी मौत को
गले लगाया है
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
Forwarded from 💲🇭 🅰🇾🅰®❗📝🅓ɨ🇱💔💲ҽ (๖⍣⃪ ⃝🇧𝟒🇵〆𓆩〭⃛〬👑ム𝐑𝐘𝐀𝐍𓆪 𝐱𝐃 ° ❘🇮🇳❘)
खतम कर दी अपनी मैने कहानी मेरी
यार बेवफा निकली रानी मेरी
जिसका प्यार पाने के लिए मैने
खुद का जनाजा निकल लिया
यार जो उसके जिस्म से प्यार
करता था उसकी निकली रानी मेरी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
यार बेवफा निकली रानी मेरी
जिसका प्यार पाने के लिए मैने
खुद का जनाजा निकल लिया
यार जो उसके जिस्म से प्यार
करता था उसकी निकली रानी मेरी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
वो मुझको एक झूठा ख्वाब दिखाकर गई थी
एक लड़की मुझको मेरी औकात बता कर गई थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
एक लड़की मुझको मेरी औकात बता कर गई थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
वो कहती है तेरे दिमाग की हालत ठीक नहीं है
जा पहले इसका इलाज करवा
और क्या करूं मैं तेरे पीछे अपनी जिंदगी खराब
चाहे तुम मरे या जिए में कभी नहीं कर सकती जिंदगी में तुझसे प्यार
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
जा पहले इसका इलाज करवा
और क्या करूं मैं तेरे पीछे अपनी जिंदगी खराब
चाहे तुम मरे या जिए में कभी नहीं कर सकती जिंदगी में तुझसे प्यार
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
यह क्यों क्या और कैसा हो गया था
जो नही सोचा था वो हादसा हकीकत में हो गया था
जुगनू मामा मेरी खबर पूछ रहा था
चांद भी उस बेवफा को देख कर शर्मिंदा हो गया था
हमने पढ़ी थी सब किताबे मोहब्बत की
उन किताबों में उस बेवफा का जिक्र हो गया था
और में अपनी मौत से राब्ता कर रहा था
उस बेवफा ने मेरा रास्ता भी काट दिया था
में तो मोहब्बत हरा हुआ वो इंसान हूं
तेरी बेवफाई में जॉन एलिया हो गया था
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
जो नही सोचा था वो हादसा हकीकत में हो गया था
जुगनू मामा मेरी खबर पूछ रहा था
चांद भी उस बेवफा को देख कर शर्मिंदा हो गया था
हमने पढ़ी थी सब किताबे मोहब्बत की
उन किताबों में उस बेवफा का जिक्र हो गया था
और में अपनी मौत से राब्ता कर रहा था
उस बेवफा ने मेरा रास्ता भी काट दिया था
में तो मोहब्बत हरा हुआ वो इंसान हूं
तेरी बेवफाई में जॉन एलिया हो गया था
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
में उसको बदनाम नहीं करना चाहता था
मगर उसका हाल सबको बता कर
फिर उसको बदनाम कर दिया
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
मगर उसका हाल सबको बता कर
फिर उसको बदनाम कर दिया
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
छोड़ना है तो ऐसी छोड़ देती
कास्ट वस्त का बहाना क्यों कर रही हो
और तुझे तो प्यार करना ही नही आता है
मरना है तो ऐसी मर देती जहर दे
कर क्या मरोगी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
कास्ट वस्त का बहाना क्यों कर रही हो
और तुझे तो प्यार करना ही नही आता है
मरना है तो ऐसी मर देती जहर दे
कर क्या मरोगी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
एक बंद कमरा उस में आसूं की बरसात थी
उस कमरे में लगा था फांसी का फंदा
उस फंदे में लटकी मेरी लाश थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
उस कमरे में लगा था फांसी का फंदा
उस फंदे में लटकी मेरी लाश थी
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
यह कैसी तेरी खुदगर्जी है तू
मुझको बात ए मेरे मौला
और मैं दरबदर घूम रहा हूं उसको
पाने के लिए ए मेरे मौला
ना मुझे वो मिली न उसकी
मोहब्बत ए मेरे मौला
कमरे में थे आंसू मेरे उसको याद
करके मैं मर रहा था ए मेरे मौला
मैं तो खुद एक बद्दुआ हूं क्या
उसके लिए दुआ करूंगा ए मेरे मौला
और कौन एक बद्दुआ से प्यार कर
सकता है तू ही बता ए मेरे मौला
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
मुझको बात ए मेरे मौला
और मैं दरबदर घूम रहा हूं उसको
पाने के लिए ए मेरे मौला
ना मुझे वो मिली न उसकी
मोहब्बत ए मेरे मौला
कमरे में थे आंसू मेरे उसको याद
करके मैं मर रहा था ए मेरे मौला
मैं तो खुद एक बद्दुआ हूं क्या
उसके लिए दुआ करूंगा ए मेरे मौला
और कौन एक बद्दुआ से प्यार कर
सकता है तू ही बता ए मेरे मौला
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
जो नहीं सोचा था वो फलसफा हो गया
मुझे पता चला है उसका निकाह हो गया था
उसके हाथों में मेहंदी किसी और के नाम की थी
यह खबर सुनकर मेरा इंतकाल हो गया था
और उसने तमन्ना की हर वक्त मुझे भुलाने की
यह देखो गांव में क्यों और क्या हो गया था
और बरसो बाद मिली वो मुझे एक राह पर
उसकी आंखों में आंसू मुझे यह क्या हो गया था
उसने अपने बच्चे का नाम मेरे नाम पर रखा था
और यह सुनकर मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
मुझे पता चला है उसका निकाह हो गया था
उसके हाथों में मेहंदी किसी और के नाम की थी
यह खबर सुनकर मेरा इंतकाल हो गया था
और उसने तमन्ना की हर वक्त मुझे भुलाने की
यह देखो गांव में क्यों और क्या हो गया था
और बरसो बाद मिली वो मुझे एक राह पर
उसकी आंखों में आंसू मुझे यह क्या हो गया था
उसने अपने बच्चे का नाम मेरे नाम पर रखा था
और यह सुनकर मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
आज इश्क जाम का पियाला पिया जाए
तेरे होठों से लगा जहर आज पिया जाए
कोई मशहूर हो गया अपनी मोहब्बत में
तेरी झूठी मोहब्बत को कब्र में दफन किया जाए
और किसी ने ताजमहल बनाया है मोहब्बत में
आज खुद को बदनाम किया जाए
तू बेवफा है तुझ को शर्म क्यों नहीं आती है
जो मोहब्बत करते हैं उनको बदनाम किया जाए
तू लिपटकर आके मेरे सीने से आ लगेगी
आज तुझ को भी बहुत ज्यादा रुलाया जाए
मैं झूठे को भी सच्ची मोहब्बत समझ लेता हूं
कोई मुझसे इसी तरह मोहब्बत करी जाए
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
तेरे होठों से लगा जहर आज पिया जाए
कोई मशहूर हो गया अपनी मोहब्बत में
तेरी झूठी मोहब्बत को कब्र में दफन किया जाए
और किसी ने ताजमहल बनाया है मोहब्बत में
आज खुद को बदनाम किया जाए
तू बेवफा है तुझ को शर्म क्यों नहीं आती है
जो मोहब्बत करते हैं उनको बदनाम किया जाए
तू लिपटकर आके मेरे सीने से आ लगेगी
आज तुझ को भी बहुत ज्यादा रुलाया जाए
मैं झूठे को भी सच्ची मोहब्बत समझ लेता हूं
कोई मुझसे इसी तरह मोहब्बत करी जाए
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
खवाबों मे आ न जाना
नींदो मे ना सतना
यूं तो बैठे है तेरे ही ख्वाब सजाये
कही आकर इन्हे भी तोड ना जाना
नींदो मे ना सतना
यूं तो बैठे है तेरे ही ख्वाब सजाये
कही आकर इन्हे भी तोड ना जाना
कली से फूल बाग से बागबान बनता है
मुझे तेरे हर झूठ के बारे में सब पता है
जो तू मुझसे प्यार का झूठा वादा करती थी
मगर तेरे होठों पर जिक्र मेरे रकीब का रहा है
और तू जो छिपा रही है वो निशान
मेरा तो दिया नहीं है
सच बता मेरी जान ये तेरी
गर्दन पर निशान किसका है
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
मुझे तेरे हर झूठ के बारे में सब पता है
जो तू मुझसे प्यार का झूठा वादा करती थी
मगर तेरे होठों पर जिक्र मेरे रकीब का रहा है
और तू जो छिपा रही है वो निशान
मेरा तो दिया नहीं है
सच बता मेरी जान ये तेरी
गर्दन पर निशान किसका है
#अभिषेक
( अभिषेक सिंह पर्चा )
Kyu keheti hai..
Ye duniya mujhe laparwah...
Maine toh unke diye hue ..
Dard ki v parwah ki hai ...🥺😟🙂☺️💔
#Kunal☺️
Ye duniya mujhe laparwah...
Maine toh unke diye hue ..
Dard ki v parwah ki hai ...🥺😟🙂☺️💔
#Kunal☺️