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*इस कदर मेरी दोस्ती का इम्तिहान मत लीजिए !*

*खफा हो क्यों ये तो बता दीजिए !*

*माफ कर दो अगर हो गई कोई गलती !*

*ऐसे रूठ करके हमे सजा मत जिजिए !!*
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*खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये;*
*इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे;*
*कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये;*
*चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;*
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*ना मैं ख्याल में तेरे ना मैं गुमान में हूँ;*
*यकीन दिल को नहीं है कि इस जहान में हूँ;*
*खुदाया रखियेगा दुनिया में सरफ़राज़ मुझे;*
*मैं पहले इश्क़ के, पहले इम्तिहान में हूँ।*
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*यूँ तो तमन्नाएं दिल में ना थी हमें लेकिन;*
*ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक़ बन बैठे;*
*बंदगी तो खुदा की भी करते थे लेकिन;*
*ना जाने क्यों हम काफ़िर बन बैठे।*
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*खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,*

*दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,*

*देर हो गयी याद करने में जरूर,*

*लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।*
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फ़र्क सिर्फ सोच का होता है,
वरना सीढ़ियां ऊपर भी जाती है
और नीचे भी आती है..!!
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किन लफ्ज़ों में लिखूँ
मैं अपने इंतज़ार को
बेजुबां इश्क खमोशी से ढूँढता है तुम्हें

उबलते बक्त पानी जरूर सोचता होगा ,

अगर बर्तन न होता तो बताता आग को ..!!
सुनो,

काश मोहब्बत में ऐसा मकाम आए,,
कि तुम्हे सांस तक न आए मेरे बिना... ❤️🌻
कुछ लोगो पैसे के लिए भागते है और कुछ पैसे देकर भागते है..!
तेरा ही नशा है आंखों में,,
आज भी नयन नशीले हैं ।।

आ कर तो देख दशा इनकी,,
ये पलक आज भी गीले हैं ।।
जब किस्मत का साथ हो तो मुसिबत ऐसे साईट से गुजरती है.
*पानी समंदर का हो या आंखो का*


*राज होता है इनमे गहराई का..*💦
कंगन पायल झुमके
इन सब के बिना तुम्हे सजा सकता हूं मैं !

मै शायर हू मेरी जान
अपने लफ्जों से तुम्हे दुल्हन बना सकता हू मै!
क्या तुम समझती हो
प्रेम की वो भाषा .....
जो आंँखों से की जाती है🤟🏻


क्या तुम
पढ़ सकती हो .....
प्रेम में खामोशियों को✍🏻
साँसों में मेरी नज़दीकियों का इत्र तू घोल दे....

मैं बन जाऊँ घाट बनारस का तू गँगा बनकर मोक्ष दे.....🌷🌷🌷
सब फीकी है तुम्हारे आगे
बोतलें शराब की
जो पीले तुम्हें एक बार
तो आशिक उठ ना पाए..!
बारिशे किसे अच्छी नहीं लगती
मुर्षद...
.
मगर मसला यहा के कच्चे मकानो का है.🙂
🛖🛖❤️🌧️🌦️⛈️🌂☔️
सच कभी दावा नहीं करता
•••••कि मैं सत्य हूँ…लेकिन
झूठ हमेशा दावा करता है
••••••कि मैं सत्य हूँ••••••!
मैंने कब कहा कि मेरे अल्फाजों की कदर होनी चाहिए

बस पढ़ने के बाद दिल पर थोड़ा असर होना चाहिए
2024/10/01 22:09:21
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