Forwarded from News Exclusive
कांग्रेस को कभी वोट क्यों नहीं देना चाहिए:
26/11 आतंकी हमला करवाया पाकिस्तान ने, लेकिन कांग्रेस इसे आरएसएस की साजिश का रंग देने में लगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने एफिडेविट देकर भगवान राम को काल्पनिक कहा।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ 22 वकीलों की फौज खड़ी की।
कांग्रेस के कारण ही भगवान राम को कई वर्षों तक फटे टेंट में रहना पड़ा।
राम सेतु को नष्ट करने की कुचेष्टा की।
हिंदुओ को दंगाई घोषित करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा बिल लाई।
वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पर्सनल लॉ को मान्यता देकर जिहादी सोच को संरक्षण दिया।
मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करते हुए अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया।
आतंकवादी को बचाने के लिए रात के 12 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाया।
सोनिया गांधी आतंकी की मौत पर आंसू बहाती हैं।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और आर्टिकल 35A लगा कर 70 वर्षों तक जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान की कठपुतली बनकर रखा।
रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध रूप से भारत में घुसने दिया।
कांग्रेस के वकील रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत से निकालने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे है।
कांग्रेस ने ही गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे निहत्थे निर्दोष साधु संतों पर 1966 में गोलियां चलवाई थी।
कांग्रेस नेताओं ने केरल में गाय काट कर खाई।
हमेशा हिंदुत्व का विरोध करती है।
कांग्रेस ने ही भारत का विभाजन स्वीकार किया।
कांग्रेस ने पाकिस्तान को आसानी से आधा कश्मीर ले जाने दिया।
कांग्रेस ने ही चीन को आधे लद्दाख पर कब्जा करने दिया।
कांग्रेस की कुनीति के चलते ही नॉर्थ ईस्ट में कई जनजातियां विद्रोह के मार्ग पर चली गई और कई वर्षों तक नॉर्थ ईस्ट विद्रोह की आग में जलता रहा और 60 सालों तक विकास से वंचित रहा।
मणिपुर हिंसा भी कांग्रेस की कुनीतियों का ही दुष्परिणाम है।
कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के कुशासन में कई बड़े घोटाले किए।
1984 में सिख नरसंहार की जिम्मेदार कांग्रेस ही है।
कांग्रेस ने आतंकवादियों को छोड़ा और अपनी पार्टी से टिकट देकर चुनाव भी लड़वाया।
कांग्रेस ने ही शहरी माओवादियों को संरक्षण दिया।
कांग्रेस ने ही भारत के गौरवशाली इतिहास को दूषित करने का कार्य किया।
कांग्रेस के कुशासन में ही कई आतंकी हमले हुए और निर्दोष नागरिकों ने अपनी जान गवाई।
कांग्रेस ने ही सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे।
कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का मास्टरमाइंड यासीन मलिक पीएमओ में जाकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलता था।
आज कांग्रेस के मालिक राहुल गांधी विदेशी ताकतों, जॉर्ज सोरोस और चीन की कटपुतली बने हुए है।
कांग्रेस के नेता पाकिस्तान और चीन से बड़ा प्रेम करते है मगर भारत से उन्हें बड़ी नफरत है जो आज भी दिख जाती है।
कांग्रेस ने ही अपनी सत्ता बचाने के लिए देश में अघोषित आपातकाल लगाया था।
कांग्रेस के 60 वर्षीय कुशासन के कुकर्मों की लिस्ट बहुत लंबी है। कांग्रेस ने 60 सालों में इस देश को असंख्य घाव दिए है।
कांग्रेस_का_कुशासन
26/11 आतंकी हमला करवाया पाकिस्तान ने, लेकिन कांग्रेस इसे आरएसएस की साजिश का रंग देने में लगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने एफिडेविट देकर भगवान राम को काल्पनिक कहा।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ 22 वकीलों की फौज खड़ी की।
कांग्रेस के कारण ही भगवान राम को कई वर्षों तक फटे टेंट में रहना पड़ा।
राम सेतु को नष्ट करने की कुचेष्टा की।
हिंदुओ को दंगाई घोषित करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा बिल लाई।
वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पर्सनल लॉ को मान्यता देकर जिहादी सोच को संरक्षण दिया।
मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करते हुए अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया।
आतंकवादी को बचाने के लिए रात के 12 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाया।
सोनिया गांधी आतंकी की मौत पर आंसू बहाती हैं।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और आर्टिकल 35A लगा कर 70 वर्षों तक जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान की कठपुतली बनकर रखा।
रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध रूप से भारत में घुसने दिया।
कांग्रेस के वकील रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत से निकालने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे है।
कांग्रेस ने ही गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे निहत्थे निर्दोष साधु संतों पर 1966 में गोलियां चलवाई थी।
कांग्रेस नेताओं ने केरल में गाय काट कर खाई।
हमेशा हिंदुत्व का विरोध करती है।
कांग्रेस ने ही भारत का विभाजन स्वीकार किया।
कांग्रेस ने पाकिस्तान को आसानी से आधा कश्मीर ले जाने दिया।
कांग्रेस ने ही चीन को आधे लद्दाख पर कब्जा करने दिया।
कांग्रेस की कुनीति के चलते ही नॉर्थ ईस्ट में कई जनजातियां विद्रोह के मार्ग पर चली गई और कई वर्षों तक नॉर्थ ईस्ट विद्रोह की आग में जलता रहा और 60 सालों तक विकास से वंचित रहा।
मणिपुर हिंसा भी कांग्रेस की कुनीतियों का ही दुष्परिणाम है।
कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के कुशासन में कई बड़े घोटाले किए।
1984 में सिख नरसंहार की जिम्मेदार कांग्रेस ही है।
कांग्रेस ने आतंकवादियों को छोड़ा और अपनी पार्टी से टिकट देकर चुनाव भी लड़वाया।
कांग्रेस ने ही शहरी माओवादियों को संरक्षण दिया।
कांग्रेस ने ही भारत के गौरवशाली इतिहास को दूषित करने का कार्य किया।
कांग्रेस के कुशासन में ही कई आतंकी हमले हुए और निर्दोष नागरिकों ने अपनी जान गवाई।
कांग्रेस ने ही सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे।
कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का मास्टरमाइंड यासीन मलिक पीएमओ में जाकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलता था।
आज कांग्रेस के मालिक राहुल गांधी विदेशी ताकतों, जॉर्ज सोरोस और चीन की कटपुतली बने हुए है।
कांग्रेस के नेता पाकिस्तान और चीन से बड़ा प्रेम करते है मगर भारत से उन्हें बड़ी नफरत है जो आज भी दिख जाती है।
कांग्रेस ने ही अपनी सत्ता बचाने के लिए देश में अघोषित आपातकाल लगाया था।
कांग्रेस के 60 वर्षीय कुशासन के कुकर्मों की लिस्ट बहुत लंबी है। कांग्रेस ने 60 सालों में इस देश को असंख्य घाव दिए है।
कांग्रेस_का_कुशासन
"India is a leader in space" - NASA.
When is the last time you have ever heard this Bharat?
The Space Ministry under Modi has reached heights never seen before.
The resources are the same, scientists are the same, everything is the same, excluding leadership in the Government.
This is the power of your vote Bharat!
and Gulabi Chacha is same
When is the last time you have ever heard this Bharat?
The Space Ministry under Modi has reached heights never seen before.
The resources are the same, scientists are the same, everything is the same, excluding leadership in the Government.
This is the power of your vote Bharat!
and Gulabi Chacha is same
By below statement, मोदी जी Clean Bold the Cast Senses by Congress and Ally...
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- गरीब
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- युवा
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- महिलाएं
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- किसान
- प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी जी ।
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- गरीब
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- युवा
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- महिलाएं
मेरे लिए देश की सबसे बड़ी जाति है- किसान
- प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी जी ।
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"Cooked food must go inside"
PM Modi's leadership was vital to the success of the tunnel rescue operation in Uttarkashi, as General Hasnain lauds the Prime Minister's multi-tasking abilities
Some truths don't get published. Sadly media has become masala centre.
PM Modi's leadership was vital to the success of the tunnel rescue operation in Uttarkashi, as General Hasnain lauds the Prime Minister's multi-tasking abilities
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Today's HAT-TRICK has,
Assured HAT-TRICK in 2024.
People's message is clear !!!
- PM Modi
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People's message is clear !!!
- PM Modi
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The Saffron Growth..... and its not stopping anytime soon
Media is too big
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भाजपा द्वारा जो 41 श्रमिकों को निकाला गया था वैसी ही घटना काँग्रेस शासन में हुई थी तब क्या हुआ था देखे इस वीडियो में।
काँग्रेस काल में व्हाट्सएप नहीं था इसलिए वो देशद्रोही पार्टी आज भी कुछ चमंचों के लिए महान है।
post it on every social media platform and tag Congress people
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❤️❤️❤️
U can download & share it... 👍🏻
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Once again Indian PM #NarendraModi gets chosen as the most popular leader in the WORLD.
Pic credit: Rajeev_GoI/ X
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Media is too big
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మంచాల రంగయ్య గారు నేటి యువతకు, బీజేపీ కార్య వర్గానికి ఒక స్పూర్తి ప్రదాత ,ఒక మార్గదర్శి మీ హృదయం నిండా మోడీ ఉన్నాడు
మీ కళ్ళలో ఆనంద బాష్పాలు చూస్తే అర్థమవుతుంది. మీలో ఉన్న దేశ భక్తి ,హిందుత్వం పై ఉన్న మమకారం మరువ లేనివి .
మీకు మీ ఓపిక కు శతకోటి వందనాలు. మీ లాంటి పెద్దల ఆశీర్వాదం నేటి బీజేపీ యువతరానికి ఏళ్ల వేళల ఉండాలని 🙏🙏
Translation: te-en
Sri. Manchala Rangaiah is an inspiration and a guide to today's youth and BJP working group, your heart is full of Modi.
You will understand when you see the happiness in your eyes.
The patriotism and devotion to Hinduism in you is unforgettable.
Thank you so much for your patience.
May the blessings of elders like you last for years to come for today's BJP youth.
మీ కళ్ళలో ఆనంద బాష్పాలు చూస్తే అర్థమవుతుంది. మీలో ఉన్న దేశ భక్తి ,హిందుత్వం పై ఉన్న మమకారం మరువ లేనివి .
మీకు మీ ఓపిక కు శతకోటి వందనాలు. మీ లాంటి పెద్దల ఆశీర్వాదం నేటి బీజేపీ యువతరానికి ఏళ్ల వేళల ఉండాలని 🙏🙏
Translation: te-en
Sri. Manchala Rangaiah is an inspiration and a guide to today's youth and BJP working group, your heart is full of Modi.
You will understand when you see the happiness in your eyes.
The patriotism and devotion to Hinduism in you is unforgettable.
Thank you so much for your patience.
May the blessings of elders like you last for years to come for today's BJP youth.
नेहरू की गलतियों के कारण PoK बना है... यही अंतिम और पूर्ण सत्य है, जो गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है... अब कुछ कांग्रेसी इतिहासकार नेहरू की फटी अचकन की तुरपाई में लगे हुए हैं... लेकिन इससे सच तो बदल नहीं जाएगा... अब आपको भी ये सच पता होना चाहिए कि कैसे नेहरू ने भारत में कश्मीर का विलय करने में देरी की... कैसे महाराजा हरी सिंह से अपनी दुश्मनी निकालने के लिए नेहरू कश्मीर को लुटते हुए देखते रहे... कैसे कश्मीर के विलय के लिए शेख अब्दुल्ला को सत्ता दिलवाने की शर्त रखी और विलय में देरी की... नतीजा कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान का हो गया !!!
तो ऐसा है कि 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी फौज ने कबायलियों के भेष में कश्मीर पर आक्रमण कर दिया... कबाइली तेज़ी से आगे बढ़ रहे थे, ये देखते हुए महाराजा हरिसिंह ने 24 अक्टूबर 1947 को ही जम्मू-कश्मीर के उपप्रधानमंत्री रामलाल बत्रा को विलय पत्र लेकर दिल्ली भेज दिया था... आप सोच रहे होंगे कि जब 24 अक्टूबर को ही महाराजा हरि सिंह का विलय पत्र दिल्ली आ गया था तो इसे उसी समय स्वीकर क्यों नहीं कर लिया गया... आखिर तीन दिन की देरी क्यों की गई... और ये तीन दिन की देरी नहीं की जाती तो भारतीय सेना 24 अक्टूबर को ही कश्मीर पहुंच जाती और हज़ारों जाने बचाई जा सकती थीं... यहां तक कि पाकिस्तान के कब्जे में आ गये कई कश्मीरी इलाके भी आज भारत के पास होते... दरअसल नेहरू ने 24 अक्टूबर 1947 को इस विलय पत्र को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि इसमें उनके परमप्रिय मित्र शेख अब्दुल्ला को सत्ता सौंपने का वादा नहीं था... 25 और 26 अक्टूबर को दिल्ली में लंबी-लंबी बैठके होती रहीं लेकिन नेहरू टस से मस नहीं हुए... आखिरकार 26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिस मेहरचंद महाजन दिल्ली पहुंचे... और उनकी प्रधानमंत्री निवास पर नेहरू, सरदार पटेल और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक हुई... इस बैठक में क्या हुआ इसका जिक्र खुद महाजन ने अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक में किया है... मेहरचंद महाजन बाद में जाकर भारत के तीसरे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी बने इसीलिए उनकी लिखी बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है... वो अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक के पेज नंबर 151 पर लिखते हैं कि -
"बैठक में मैंने बताया कि कबायली श्रीनगर की तरफ बढ़ रहे हैं इसलिए कश्मीर को तत्काल सैनिक मदद दी जाये। मैंने भावुक होकर कहा कि - 'श्रीनगर को विनाश से बचाया जाना चाहिए।' इस पर प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा कि - 'कोई बात नहीं, अगर कबाइलियों ने श्रीनगर पर कब्ज़ा कर भी लिया तो भारत इतना ताकतवर है कि वो उसे वापस छुड़ा लेगा।'... नेहरू की ये बात सुनकर मैंने सोचा कि श्रीनगर को वापस तो छुड़वा लिया जाएगा लेकिन जो विनाश होगा उसकी भरपाई कौन करेगा? ... लेकिन फिर भी मैं सैनिक साहयता की मांग पर अड़ा था और नेहरू अपनी बात पर अड़े हुए थे।"
दरअसल नेहरू का एक ही ऐजेंडा था पहले शेख को सत्ता दो, फिर सेना भेजेंगे, तब तक कश्मीर जाये भाड़ में... इस सनसनीखेज़ बैठक के बारे में जस्टिस मेहरचंद महाजन ने अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक में जो आगे लिखा है वो और भी चौंकाने वाला है... उन्होने बताया है कि नेहरू को विलय पर मनाने के लिए उन्हे धमकी तक का सहारा लेना पड़ा... जस्टिस महाजन लिखते हैं –
"मैंने पंडित नेहरु से कहा कि- 'हमारे विलय को प्रस्ताव को स्वीकार कर कश्मीर को सैनिक मदद दीजिए और जिस पापुलर पार्टी (*यानी शेख अबदुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस) को आप जो सत्ता देना चाहते हैं वो दे दीजिए। लेकिन कल तक श्रीनगर में भारतीय सेना पहुंच जाना चाहिए। नहीं तो मुझे श्रीनगर को विनाश से बचाने के लिए जिन्ना के पास जाकर समझौता करना होगा।'... ये सुनकर नेहरू परेशान हो गये और उन्होंने मुझसे गुस्से में कहा कि 'Mahajan, go away (चले जाओ महाजन)'... मैं उठा और कमरे से बाहर निकलने ही वाला था कि सरदार पटेल ने मुझे रोकते हुए मेरे कान में कहा - 'महाजन, आप पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं।' तभी, कागज का एक टुकड़ा नेहरु की ओर बढ़ा दिया गया... नेहरू ने उसे पढ़ा और ऊंची आवाज में कहा, "शेख साहब भी यही मानते हैं।" शेख अब्दुल्ला बैठक वाले कमरे से सटे एक दूसरे कमरे में थे और हमारी सारी बातें सुन रहे थे।... इस पर्ची को पढ़ते ही प्रधानमंत्री नेहरु का रुख बदल गया।"
दरअसल नेहरू के घर में छुपे बैठे शेख अब्दुल्ला ने जब अपने हाथ से सत्ता फिसलते देखी तो उन्होने एक पर्ची नेहरू तक पहुंचाई... और नेहरु को समझाया कि सेना भेज देने में ही भलाई है। आखिरकार 27 अक्टूबर की सुबह श्रीनगर के हवाई अड्डे पर भारतीय सेना के जांबाज़ सिपाही उतर गये... और इसी के साथ शुरु हो चुका था भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध....
तो ऐसा है कि 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी फौज ने कबायलियों के भेष में कश्मीर पर आक्रमण कर दिया... कबाइली तेज़ी से आगे बढ़ रहे थे, ये देखते हुए महाराजा हरिसिंह ने 24 अक्टूबर 1947 को ही जम्मू-कश्मीर के उपप्रधानमंत्री रामलाल बत्रा को विलय पत्र लेकर दिल्ली भेज दिया था... आप सोच रहे होंगे कि जब 24 अक्टूबर को ही महाराजा हरि सिंह का विलय पत्र दिल्ली आ गया था तो इसे उसी समय स्वीकर क्यों नहीं कर लिया गया... आखिर तीन दिन की देरी क्यों की गई... और ये तीन दिन की देरी नहीं की जाती तो भारतीय सेना 24 अक्टूबर को ही कश्मीर पहुंच जाती और हज़ारों जाने बचाई जा सकती थीं... यहां तक कि पाकिस्तान के कब्जे में आ गये कई कश्मीरी इलाके भी आज भारत के पास होते... दरअसल नेहरू ने 24 अक्टूबर 1947 को इस विलय पत्र को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि इसमें उनके परमप्रिय मित्र शेख अब्दुल्ला को सत्ता सौंपने का वादा नहीं था... 25 और 26 अक्टूबर को दिल्ली में लंबी-लंबी बैठके होती रहीं लेकिन नेहरू टस से मस नहीं हुए... आखिरकार 26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिस मेहरचंद महाजन दिल्ली पहुंचे... और उनकी प्रधानमंत्री निवास पर नेहरू, सरदार पटेल और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक हुई... इस बैठक में क्या हुआ इसका जिक्र खुद महाजन ने अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक में किया है... मेहरचंद महाजन बाद में जाकर भारत के तीसरे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी बने इसीलिए उनकी लिखी बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है... वो अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक के पेज नंबर 151 पर लिखते हैं कि -
"बैठक में मैंने बताया कि कबायली श्रीनगर की तरफ बढ़ रहे हैं इसलिए कश्मीर को तत्काल सैनिक मदद दी जाये। मैंने भावुक होकर कहा कि - 'श्रीनगर को विनाश से बचाया जाना चाहिए।' इस पर प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा कि - 'कोई बात नहीं, अगर कबाइलियों ने श्रीनगर पर कब्ज़ा कर भी लिया तो भारत इतना ताकतवर है कि वो उसे वापस छुड़ा लेगा।'... नेहरू की ये बात सुनकर मैंने सोचा कि श्रीनगर को वापस तो छुड़वा लिया जाएगा लेकिन जो विनाश होगा उसकी भरपाई कौन करेगा? ... लेकिन फिर भी मैं सैनिक साहयता की मांग पर अड़ा था और नेहरू अपनी बात पर अड़े हुए थे।"
दरअसल नेहरू का एक ही ऐजेंडा था पहले शेख को सत्ता दो, फिर सेना भेजेंगे, तब तक कश्मीर जाये भाड़ में... इस सनसनीखेज़ बैठक के बारे में जस्टिस मेहरचंद महाजन ने अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक में जो आगे लिखा है वो और भी चौंकाने वाला है... उन्होने बताया है कि नेहरू को विलय पर मनाने के लिए उन्हे धमकी तक का सहारा लेना पड़ा... जस्टिस महाजन लिखते हैं –
"मैंने पंडित नेहरु से कहा कि- 'हमारे विलय को प्रस्ताव को स्वीकार कर कश्मीर को सैनिक मदद दीजिए और जिस पापुलर पार्टी (*यानी शेख अबदुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस) को आप जो सत्ता देना चाहते हैं वो दे दीजिए। लेकिन कल तक श्रीनगर में भारतीय सेना पहुंच जाना चाहिए। नहीं तो मुझे श्रीनगर को विनाश से बचाने के लिए जिन्ना के पास जाकर समझौता करना होगा।'... ये सुनकर नेहरू परेशान हो गये और उन्होंने मुझसे गुस्से में कहा कि 'Mahajan, go away (चले जाओ महाजन)'... मैं उठा और कमरे से बाहर निकलने ही वाला था कि सरदार पटेल ने मुझे रोकते हुए मेरे कान में कहा - 'महाजन, आप पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं।' तभी, कागज का एक टुकड़ा नेहरु की ओर बढ़ा दिया गया... नेहरू ने उसे पढ़ा और ऊंची आवाज में कहा, "शेख साहब भी यही मानते हैं।" शेख अब्दुल्ला बैठक वाले कमरे से सटे एक दूसरे कमरे में थे और हमारी सारी बातें सुन रहे थे।... इस पर्ची को पढ़ते ही प्रधानमंत्री नेहरु का रुख बदल गया।"
दरअसल नेहरू के घर में छुपे बैठे शेख अब्दुल्ला ने जब अपने हाथ से सत्ता फिसलते देखी तो उन्होने एक पर्ची नेहरू तक पहुंचाई... और नेहरु को समझाया कि सेना भेज देने में ही भलाई है। आखिरकार 27 अक्टूबर की सुबह श्रीनगर के हवाई अड्डे पर भारतीय सेना के जांबाज़ सिपाही उतर गये... और इसी के साथ शुरु हो चुका था भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध....
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Pls see how EVM are hacked by Modi ji
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Some Khattar Jhattar, Soorma Bhopali Jhandus who are asking for Modi's contribution in Ram Mandir construction can watch this video and dig themselves under the mud
Small clip, but the message is loud
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On his birth anniversary, paying homage to Shri Pranab Mukherjee, whose statesmanship and intellectual depth profoundly shaped our nation's course. His insights and leadership were invaluable, and on a personal level, our interactions were always enriching. His dedication and wisdom will forever be a guiding force in our journey towards progress.
@NamoTheLeader
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