Forwarded from ✍️शायरी का दरिया💐 (ज़ालिमा...!!)
नज़र बहुत तेज है ना तुम्हारी,
फिर क्यों नही दिखती मोहब्बत हमारी..!!
फिर क्यों नही दिखती मोहब्बत हमारी..!!
देखकर मुझको वो आह भी भरता है,
दूर भी जाता है वो राह भी तकता है,
मेरी शायरी को आंखों से चुमकर, वो
शिकवा भी करता है और वाह भी करता है..!
दूर भी जाता है वो राह भी तकता है,
मेरी शायरी को आंखों से चुमकर, वो
शिकवा भी करता है और वाह भी करता है..!