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Quote:-479 (21.06.2024)

किसी ने पूछा-

जब कण-कण में भगवान है तो मंदिर क्यों जाते हो? बहुत ही सुंदर जवाब- हवा तो धूप में भी चलती है, पर आनंद छाँव में बैठ कर ही मिलता है...

वैसे ही भगवान सब तरफ है, पर असली आनंद मंदिर में बैठ कर ही आता है

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-480 (29.06.2024)

ईश्वर की शरण में, निःस्वार्थ जाइए, वो सब जानतें हैं, आपको क्या चाहिए

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-481 (16.07.2024)

मैं तब ज़्यादा आध्यात्मिक होने लगा, जब पता चला कि, शक्ति सिर्फ़ ऊपर वाले के हाथ में है... हमारे हाथ में ना थी, ना है और ना होगी..।।

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-482 (20.07.2024)

मैंभगवद‌्गीता में भगवान श्रीकृष्ण समझाते हैं कि असली ज्ञानी या समझदार वह होता है जिसको अपने कर्म के फल की चिंता नहीं होती। असली ज्ञानी वह है जिसके मन में अपने कर्म को लेकर एक वैराग्य की भावना होती है। इसका मतलब यह है कि वह इस बात में नहीं उलझता कि उसके काम का परिणाम क्या होगा।

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-483 (26.07.2024)

ईश्वर की राह पर जब कोई एक कदम बढ़ाता है, तो ईश्वर उसे थामने के लिए सौ कदम बढ़ाता है।

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-484 (25.08.2024)

अपने कर्मों के फ़ल से तो गंगा पुत्र भीष्म भी नहीं बच पाए थे और तुम सोचते हो कि सिर्फ़ गंगा नहाने से तुम्हारे पाप धूल जाएंगे ..!

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-485 (02.09.2024)

भगवान मैनेजर नहीं,
बल्कि सृष्टिकर्ता है।

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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Quote:-486 (20.09.2024)

श्रीकृष्ण का कहना है कि मनुष्य को अपने कर्मों के संभावित परिणामों से प्राप्त होने वाली विजय या पराजय, लाभ या हानि, प्रसन्नता या दुख इत्यादि के बारे में सोच कर चिंता से ग्रसित नहीं होना चाहिए.

   🚩 जय श्री राम  🚩
❤️ जय श्री कृष्ण ❤️

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2024/09/27 00:17:33
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